राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को दिल्ली पुलिस ने फोन टैपिंग मामले में नोटिस जारी किया है। उनसे कल सोमवार को दिल्ली पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया है। फोन टैपिंग का यह मामला जुलाई 2020 के राजनीतिक संकट से जुड़ा है।
पीटीआई के मुताबिक यह नोटिस दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश को वापस लेने की दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की अर्जी पर सुनवाई से कुछ दिन पहले आया है।
अपराध शाखा के आवेदन और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी शर्मा की याचिका पर सुनवाई 20 फरवरी को होनी है, जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग की गई है।
25 मार्च, 2021 को दिल्ली पुलिस ने जोधपुर के बीजेपी सांसद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और गैरकानूनी रूप से टेलीफोन टैपिंग करने की एफआईआर दर्ज की थी।
3 जून, 2021 को शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने का एक अंतरिम आदेश पारित किया गया था, जब उन्होंने एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीसी की धारा 41.1 (ए) के तहत शर्मा को यह छठा नोटिस है।
शर्मा दो बार 6 दिसंबर, 2021 और 14 मई, 2022 को पूछताछ के लिए हाजिर हुए और तीन अन्य तारीखों पर हाजिर नहीं होने की वजह बताई।
पिछले महीने, अपराध शाखा ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर की जिसमें इस आधार पर अंतरिम आदेश को रद्द करने की मांग की गई कि शर्मा अंतरिम संरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं और जांच में देरी कर रहे हैं।
फोन-टैपिंग विवाद कांग्रेस शासित राजस्थान में जुलाई 2020 के राजनीतिक संकट से जुड़ा है। शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोन पर बातचीत के ऑडियो क्लिप गहलोत के खिलाफ उनके तत्कालीन डिप्टी सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले 18 पार्टी विधायकों के विद्रोह के बीच सामने आए।
ऐसा आरोप था कि शर्मा ने कांग्रेस सरकार को गिराने की कथित साजिश के बारे में कथित क्लिप प्रसारित की। शर्मा ने आरोपों को खारिज किया है।