राजस्थान में सचिन पायलट खेमे के एक विधायक ने एक बार फिर फ़ोन टैप किए जाने का मसला उठाया तो राज्य सरकार ने तुरंत इस पर सफाई जारी कर दी है। गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस तरह के आरोपों को नकार दिया है कि राज्य सरकार अपनी ही पार्टी के विधायकों के फ़ोन टैप कर रही है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार का ऐसा चरित्र नहीं है।
खाचरियावास ने कहा कि अगर किसी विधायक के पास इस तरह की जानकारी है कि कुछ विधायकों के फ़ोन को टैप किया जा रहा है तो उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए।
कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने बीते शनिवार को आरोप लगाया था कि कुछ विधायकों ने कहा है कि उनके फ़ोन टैप किए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने विधायकों का नाम नहीं लिया था। इसके बाद राजस्थान में फिर से फ़ोन टैपिंग का मुद्दा जिंदा हो गया था। सोलंकी ने कहा था कि कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस बारे में बताया है।
राजस्थान में बीते साल जब अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों के बीच राजनीतिक घमासान चला था, तब भी पायलट खेमे के विधायकों ने उनके फ़ोन टैप किए जाने की शिकायत की थी और गहलोत सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था।
तब गहलोत सरकार ने इस बात से इनकार किया था लेकिन इस साल मार्च में सरकार ने माना था कि उसने फोन टैपिंग कराई थी। हालांकि इसने उन नियमों का हवाला दिया था जिसके तहत फ़ोन टैपिंग कराई जा सकती है और कहा था कि इसमें पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया।
राजस्थान में सियासी हलचल तेज़
कांग्रेस नेता रहे जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने की ख़बरों के बीच सचिन पायलट का नाम भी तेज़ी से उछला है और कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट भी बीजेपी में जा सकते हैं लेकिन पायलट ने इस तरह के कयासों को सिर्फ़ अफ़वाह करार दिया है। सचिन पायलट इन दिनों दिल्ली में ही हैं और माना जा रहा है कि उनकी नाराज़गी को देखते हुए राजस्थान में कैबिनेट का विस्तार जल्द ही हो सकता है।
बीते कुछ दिनों से पायलट समर्थकों ने एक बार फिर मीडिया के सामने आकर बयान देना शुरू किया है और गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि वे पूरी ताक़त के साथ पायलट के साथ खड़े हैं।