चुनाव से पहले विपक्षी दलों को परेशान करने के आरोप झेलती रही मोदी सरकार की एजेंसी ने चुनाव के बीच ही अब राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के घर पर छापे मारे हैं। इतना ही नहीं, इसने मुख्यमंत्री के बेटे को भी समन जारी किया है। आख़िर यह कार्रवाई ऐन चुनाव के दौरान ही क्यों?
इस सवाल का जवाब तो ईडी ही दे सकता है। वैसे, रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय सरकारी स्कूल शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा पत्र कथित तौर पर लीक होने के मामले में कार्रवाई कर रहा है। इसी मामले में ईडी राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा से जुड़े परिसरों की तलाशी ले रहा है। कई अन्य जगहों पर भी तलाशी ली जा रही है। इस महीने की शुरुआत में ईडी ने पेपर लीक मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहयोगी कांग्रेस नेता दिनेश खोदानिया के घर और कार्यालय पर छापा मारा था। इसी महीने ईडी ने पेपर लीक मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहयोगी कांग्रेस नेता दिनेश खोदानिया के घर और कार्यालय पर छापा मारा था। एजेंसी ने दावा किया था कि इसने तब खोदानिया और अन्य के आवासीय परिसरों सहित सात और स्थानों पर छापे में 12 लाख रुपये नकद और 'आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे। बहरहाल, इस ताज़ा कार्रवाई के बीच डोटासरा ने ट्वीट किया है- 'सत्यमेव जयते'।
कांग्रेस ने केंद्रीय एजेंसी की इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। इसने कहा है कि चुनाव आते ही ईडी, सीबीआई, आईटी आदि भाजपा के असली 'पन्ना प्रमुख' बन जाते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि 'राजस्थान में अपनी निश्चित हार को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपना आख़िरी दाँव चला है!'
खड़गे ने ट्वीट करके कहा है कि इडी ने छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव अभियान में उतरते हुए कांग्रेसी नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है। मोदी सरकार की तानाशाही लोकतंत्र के लिए घातक है।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा है, 'हम एजेंसियों के दुरपयोग के ख़िलाफ़ लड़ते रहेंगे, जनता भाजपा को क़रारा जवाब देगी।'
गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस विधायक ओम प्रकाश हुडला से जुड़े 11 स्थानों पर तलाशी की जा रही है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार दोनों कांग्रेस नेताओं के आवासीय परिसरों सहित जयपुर, दौसा और सीकर में तलाशी चल रही है।
ईडी की कार्रवाई कांग्रेस शासित राजस्थान में चुनावी प्रक्रिया के दौरान हुई है। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए 25 नवंबर को चुनाव होंगे। नामांकन का प्रक्रिया चल रही है। डोटासरा सीकर की लक्ष्मणगढ़ सीट से भाजपा के सुभाष महरिया के खिलाफ पार्टी के उम्मीदवार हैं। वह इस सीट से मौजूदा विधायक भी हैं। हुडला राज्य विधानसभा में महवा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जिस मामले में दोनों पर ईडी ने छापे मारे हैं उस मामले में इसने राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीना नामक एक अन्य व्यक्ति को ईडी ने गिरफ्तार किया था। जून में इस जांच के तहत इसने राजस्थान में कई स्थानों पर छापेमारी की थी।
ईडी पिछले साल दिसंबर में ग्रेड II शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2022 के प्रश्न पत्र के लीक होने से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच कर रहा है। पेपर लीक मामले में 37 अभ्यर्थियों समेत कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसी की जांच से पता चला है कि कम से कम 180 उम्मीदवारों को लीक हुए प्रश्न पत्र 8 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की राशि में दिए गए थे। बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीणा के अलावा पेपर लीक रैकेट के एक अन्य आरोपी भूपेन्द्र सारण को भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।
अशोक गहलोत के बेटे वैभव को समन
इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में ईडी ने तलब किया है। वैभव को शुक्रवार को जयपुर या नई दिल्ली में जांच एजेंसी के कार्यालय के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। ये समन राजस्थान स्थित आतिथ्य समूह ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्धा एंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड और इसके निदेशक और प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के ख़िलाफ़ हाल ही में ईडी की छापेमारी से जुड़े हैं।
एजेंसी ने अगस्त महीने में तीन दिनों तक जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में समूह और उसके प्रमोटरों की तलाशी ली थी। इन तलाशी के बाद ईडी ने 1.2 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की थी।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीना ने प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काले धन को सफेद करने के लिए कुछ एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार व्यावसायिक उद्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीएम के बेटे वैभव गहलोत और छोटे गहलोत के व्यापारिक सहयोगी बताए गए एक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत में धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।