राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को पार्टी के विधायकों की बैठक में एक बार फिर तीख़े तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन भी जाएंगे लेकिन बीजेपी की साज़िश को सफल नहीं होने देंगे।
अनुभवी नेता गहलोत ने कहा कि अगर हमें राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास घेरना पड़ा तो हम वह भी घेरेंगे। विधायकों ने भी हाथ उठाकर गहलोत को समर्थन दिया। मुख्यमंत्री ने विधायकों से एकजुटता बनाए रखने के लिए कहा और कहा कि हो सकता है कि उन्हें कुछ दिन और होटल में ही रुकना पड़े। उन्होंने फिर दोहराया कि उनकी सरकार के पास बहुमत है।
गहलोत ने कैबिनेट की बैठक भी बुलाई और इसमें राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजे जाने वाले प्रस्ताव को फिर से ड्राफ़्ट किया गया। प्रस्ताव में मांग की गई है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। इस बीच, बीजेपी के नेताओं ने भी राज्यपाल से मुलाक़ात की है।
दूसरी ओर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे राजस्थान में जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया और बीजेपी पर हमला बोला। कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि बीजेपी पिछले छह महीने से उसकी सरकार को गिराने की साज़िश कर रही है और पार्टी के बाग़ी नेता सचिन पायलट भी इस साज़िश में शामिल थे।
इससे पहले शुक्रवार को दिन भर चले सियासी घटनाक्रम में जिस तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फ़्रंटफ़ुट पर खेले, उससे लगता है कि पार्टी इस सियासी संकट को राजस्थान में बड़ा मुद्दा बनाएगी।
गहलोत ने शुक्रवार देर रात तक कैबिनेट की बैठक ली और राज्यपाल के सवालों के जवाब को लेकर चर्चा की। अशोक गहलोत सरकार और प्रदेश कांग्रेस कमेटी लगातार यही मांग कर रही हैं कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए। उनकी इस मांग के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है।
आक्रामक मूड में गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बेहद आक्रामक अंदाज़ में नज़र आ रहे हैं। गहलोत ने पायलट की बग़ावत के बाद से ही बीजेपी को निशाने पर लिया हुआ है और उस पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। सत्ता बनाने-बचाने की यह लड़ाई जब जांच एजेंसियों तक पहुंची तो गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से पूछताछ के लिए एसीबी की टीम दिल्ली भेज दी। मानेसर में जिस होटल में बाग़ी विधायक रुके हैं, वहां भी राजस्थान पुलिस की टीम भेज दी।इससे पहले शुक्रवार को जयपुर में हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा हुआ था और विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए थे। इस दौरान विधायक वहां धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाज़ी की थी। इससे लगता है कि अपनी कई राज्य सरकारों को गंवा चुकी कांग्रेस इस बार जोरदार पलटवार के मूड में है।
गहलोत ने जब यह कहा, ‘राज्यपाल किसी के दबाव में नहीं आएं, वरना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने के लिए आ गई तो यह हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी’, इसका मतलब यही माना जाना चाहिए कि गहलोत बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं।