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ठाकरे गुट को झटका, राहुल शेवाले बने लोकसभा में शिवसेना के नेता

ठाकरे गुट को झटका, राहुल शेवाले बने लोकसभा में शिवसेना के नेता

यह साफ दिख रहा है कि उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना पर पकड़ कमजोर होती जा रही है और तमाम बड़े नेता लगातार उसका साथ छोड़ कर जा रहे हैं। ऐसे में उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। 

शिवसेना सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में शिवसेना के फ्लोर लीडर के रूप में मान्यता दी गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। इससे पहले शिवसेना के 12 लोकसभा सांसद लोकसभा स्पीकर से मिले थे और उन्होंने लोकसभा में फ्लोर लीडर को बदले जाने का अनुरोध किया था।

सांसदों ने स्पीकर से अनुरोध किया था कि वह लोकसभा में शिवसेना के फ्लोर लीडर के रूप में विनायक राउत की जगह राहुल शेवाले को नियुक्त करें। 

जबकि विनायक राउत की ओर से सोमवार रात को लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर कहा गया था कि उन्हें शिवसेना के संसदीय बोर्ड और पार्टी के चीफ व्हिप राजन विचारे की ओर से फ्लोर लीडर नियुक्त किया गया है। इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि शिवसेना के अधिकतर नेताओं का समर्थन उनके साथ है। निश्चित रूप से उन्होंने शिवसेना पर अपना दावा मजबूती से ठोक दिया है।

भावना गवली बनीं चीफ व्हिप 

इसके अलावा उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चीफ व्हिप के पद से हटाई गईं सांसद भावना गवली को भी फिर से इस पद पर नियुक्त किया गया है। बता दें कि शिवसेना में हुई बड़ी बगावत के बाद ठाकरे गुट ने भावना गवली की जगह पर राजन विचारे को लोकसभा में पार्टी का चीफ व्हिप बनाया था। भावना गवली मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की करीबी हैं।

राहुल शेवाले ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि पार्टी के कई सांसद विनायक राऊत के काम से संतुष्ट नहीं थे इसलिए हमने उन्हें बदले जाने का अनुरोध लोकसभा स्पीकर से किया था। 

इस बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना के सांसदों ने उनके द्वारा पार्टी संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे ले जाने के स्टैंड का समर्थन किया है।

यह साफ है कि शिवसेना के 12 सांसद अब उद्धव ठाकरे गुट को छोड़कर एकनाथ शिंदे के गुट के साथ आ गए हैं। कुछ खबरों में इन सांसदों की संख्या 14 भी बताई गई है।

 - Satya Hindi

बीते दिनों में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें लगातार बढ़ी हैं और बड़ी संख्या में विधायकों, पार्षदों के अलावा पार्टी के पदाधिकारियों ने उनका साथ छोड़ दिया है। हालांकि इस बीच उद्धव ठाकरे उनके बेटे आदित्य ठाकरे लगातार पार्टी के कार्यक्रमों में जाकर एक बार फिर शिवसेना को खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मंगलवार को एक दिन के दिल्ली दौरे पर आए थे और यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के समर्थन से बनी महाराष्ट्र की नई सरकार को लोगों का पूरा सहयोग मिल रहा है। 

महाराष्ट्र में जल्द ही कैबिनेट का विस्तार भी होना है और इस विस्तार में शिंदे गुट के और बीजेपी के कितने नेताओं को जगह मिलेगी, इस बारे में भी एकनाथ शिंदे-बीजेपी ने खाका खींच लिया है। 

शिंदे बने मुख्य नेता 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को ही उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दिया था और शिवसेना की पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर नई कार्यकारिणी की घोषणा की थी। नई कार्यकारिणी में एकनाथ शिंदे को मुख्य नेता के तौर पर नियुक्त किया गया है। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। लेकिन शिवसेना से निकाले जाने वाले इन नेताओं को एकनाथ शिंदे का गुट लगातार अपने साथ जोड़ रहा है।

निश्चित रूप से आने वाले दिन उद्धव ठाकरे और उनके करीबियों के लिए बेहद मुश्किल भरे हो सकते हैं और देखना होगा कि इस घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट से क्या फैसला आता है।

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