कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक के खिलाफ सूरत सेशन कोर्ट से अपील खारिज होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वो सभी उपायों पर विचार कर रही है। इस संबंध में लीगल टीम कोई फैसला लेगी। जाने माने वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी इस बारे में शाम 4 बजे मीडिया को जानकारी देंगे।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राहुल गांधी पर कोर्ट के आज के आदेश पर टिप्पणी करते हुए ट्विटर पर लिखा है कि कानून के तहत जो भी विकल्प हमारे लिए उपलब्ध होंगे, हम उन सभी विकल्पों का लाभ उठाना जारी रखेंगे। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी की लीगल टीम हाईकोर्ट में इस आदेश के खिलाफ जाने की तैयारी कर रही है। अभी उसके पास और कल का दिन है। उसके बाद कोर्ट में दो दिन की छुट्टी है। बहुत मुमकिन है कि सोमवार तक हाईकोर्ट में इस पर याचिका दायर कर दी जाए।
अगर हाईकोर्ट राहुल गांधी को स्टे दे देता है तो उस स्थिति में उनकी लोकसभा सदस्यता फौरन बहाल हो सकती है।
इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बहुत वाजिब सवाल आज के फैसले के संदर्भ में उठाया है। थरूर ने ट्वीट में लिखा - सूरत कोर्ट का कहना है कि राहुल गांधी सजा पर रोक लगाने के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं दिखा पाए हैं। क्या यह आपराधिक मानहानि के लिए दो साल की सजा पाने के लिए पर्याप्त असाधारण नहीं है? संसद से अयोग्य होने के लिए बस इतना समय काफी है?
बीजेपी नेताओं का बयान है कि राहुल गांधी ने ओबीसी का मजाक उड़ाया था। उन्हें अब माफी मांग लेना चाहिए।
सूरत की अदालत द्वारा राहुल गांधी की याचिका खारिज करने के तुरंत बाद बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, "क्या कांग्रेस अब इसे बदले की भावना भी कहेगी? क्या वे फिर से अदालतों पर सवाल उठाएंगे? न्यायपालिका पर सवाल उठाने के बजाय ओबीसी समुदाय से राहुल गांधी माफी मांगें। राहुल पर हमला बोलते हुए बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा, ओबीसी समुदाय का अपमान करने के बावजूद, उन सभी को 'चोर' कहने के बावजूद, राहुल शर्मनाक रूप से उद्दंड बने हुए हैं ... इससे उनके अहंकारी रवैये का पता चलता है।