राहुल गांधी का फिर तीखा वीडियो- अडानी समूह के एकाधिकार बिजनेस पर हमला

02:24 pm Oct 29, 2024 | सत्य ब्यूरो

नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को मोनोपली बचाओ सिंडिकेट नाम से नया वीडियो जारी किया। वीडियो में बताया गया है कि मोदी सरकार में किस तरह अडानी के 'एकाधिकार' बिजनेस को बचाने वाला सिंडिकेट मोदी सरकार में सक्रिय है। 

राहुल गांधी के तीखे वीडियो में मोदी सरकार से चुभते सवाल किये जा रहे हैं। लेकिन देश का कथित राष्ट्रीय मीडिया चुप है। वे राहुल का न तो इस तरह का वीडियो चलाने को तैयार हैं और न ही उस पर डिबेट कर रहे हैं। ऐसे चैनलों पर हिन्दू-मुसलमानों को लड़ाने वाली बहसें देखी जा सकती हैं। लेकिन चुनावी बॉन्ड के बाद सेबी के इतने बड़े करप्शन पर मीडिया जगत चुप्पी साधे हुए है।


राहुल गांधी ने नए वीडियो के जरिए हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि मोदी सरकार एकाधिकार संरक्षण सिंडिकेट चला रही है और अडानी समूह जिस भी क्षेत्र में चाहता है उसे एकाधिकार मिल जाता है।

राहुल गांधी का कहना है कि मोदी सरकार का “एकाधिकार बेलआउट सिंडिकेट! हवाई अड्डों में एकाधिकार, बंदरगाहों में एकाधिकार, सीमेंट में एकाधिकार, बिजली में एकाधिकार, रक्षा में भी एकाधिकार। अडानी जिस भी सेक्टर को चाहता है सिंडिकेट उस पर एकाधिकार जमाने की कोशिश करता है।

राहुल गांधी ने भी सोमवार को भी एक वीडियो जारी कर अडानी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर सेबी और उसकी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर हमला बोला था। ताजा वीडियो में राहुल गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा को समझा रहे हैं कि कैसे 'अडानी डिफेंस' वेबसाइट के नाम पर इसराइली हथियार बेचे जा रहे हैं।

राहुल गांधी ने अडानी डिफेंस की वेबसाइट पर प्रदर्शित एक छोटे हथियार 'अभय' का उदाहरण दिया और कहा कि यह वास्तव में एक इसराइली हथियार है जिसे 'टॉवर' कहा जाता है। उन्होंने बताया कि कैसे इसराइल के हथियार खरीदे और बदले जाते हैं और उनके पीछे अडानी डिफेंस नंबर वन हथियार डीलर बन गया।

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अडानी को एकाधिकार देने के लिए पूरे सिस्टम को दरकिनार किया जा रहा है. यह सब सुनने के बाद पवन खेड़ा हैरानी जताते हुए कहते हैं, ''मैंने सोचा भी नहीं था कि ऐसा कुछ हो सकता है।'' उन्होंने कहा कि इन दो चीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, एक राष्ट्रीय सुरक्षा और दूसरा युवाओं का भविष्य।

इस दौरान उन्होंने माधाबी पुरी बुच और सेबी पर भी सवाल उठाते हुए कहा, 'अगर आप और हम छोटी सी भी गलती करते हैं तो हमें इनकम टैक्स नोटिस और चालान मिलते हैं।' लेकिन माधबी पुरी बुच रंगे हाथों पकड़े गए हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जाहिर तौर पर उन्हें एक बड़े आदमी द्वारा बचाया जा रहा है। वह बड़ा आदमी कौन है, वह सबके सामने है, सब जानते हैं।

सोमवार वाले वीडियो में भी राहुल गांधी ने माधबी पुरी बुच पर हमला बोला था। राहुल गांधी का सवाल है कि सरकार माधबी बुच के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसियां ​​और मीडिया चुप हैं, जबकि कांग्रेस इन मुद्दों को उठा रही है। गांधी ने दावा किया कि बुच अडानी के हितों की रक्षा कर रहे थे और उनके कार्यों की जांच की जानी चाहिए।

राहुल ने वीडियो में कहा कि बुच कांड कल्पना से कहीं अधिक गहरा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि खुदरा निवेशकों की सुरक्षा का जिम्मा संभाले बुच अडानी के हितों और उनके बढ़े हुए मूल्यांकन की रक्षा के लिए सिस्टम में हेरफेर कर रही हों। उन्होंने आरोप लगाया कि आम भारतीयों और उनके निवेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन पर है, उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लिया है और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कदाचार में लिप्त हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के बढ़ते रक्षा आयात बिल में अडानी का हाथ हो सकता है।

इससे पहले मार्च 2023 में संसद ने राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया था। तब राहुल ने कहा था, 'मुझे अयोग्य घोषित किया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए हैं। वह अडानी पर आने वाले अगले भाषण से डरे हुए हैं।' राहुल ने संसद में धड़ल्ले से अडानी का मुद्दा उठाया था। लेकिन लोकसभा स्पीकर ने अडानी समूह के खिलाफ लगाये राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं के बयानों को हटवा दिया था। लेकिन राहुल गांधी चुप नहीं हुए। अब वो वीडियो के जरिये हमले कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने इसी मुद्दे पर दो और वीडियो जारी किये हैं। दूसरा वीडियो माधुबी पुरी बुच पर था। नीचे देखिये-

राहुल गांधी ने इस कड़ी का पहला वीडियो शनिवार को डाला था। पहला वीडियो अडानी समूह को सिंडीकेट द्वारा बचाने पर था। नीचे देखिये-

राहुल गांधी धारा के विपरीत चलते हुए ऐसे समय में ये वीडियो जारी कर रहे हैं जब तमाम राजनीतिक दल उद्योगपतियों के कृपापात्र बनने की कोशिश में लगे रहते हैं। लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस मामले में पार्टी के चंदे की जरा भी परवाह नहीं करते हुए हमला बोला है। उद्योगपति नेताओं का मुंह बंद करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे इस्तेमाल करते हैं लेकिन फिलहाल राहुल पर किसी का बस नहीं चल रहा है।