विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत में कोरोना से 47 लाख मौत होने का आँकड़ा बताए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कोरोना से मौत के आधिकारिक आँकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना महामारी से 47 लाख भारतीयों की मौत हुई थी, न कि सरकार द्वारा दावा किए गए 4.8 लाख भारतीयों की।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, '...विज्ञान झूठ नहीं बोलता। मोदी बोलते हैं। उन परिवारों का सम्मान करें जिन्होंने अपनों को खोया है। अनिवार्य 4 लाख रुपये के मुआवजे के साथ उनका सहयोग करें।'
इस ट्वीट के साथ उन्होंने डब्ल्यूएचओ के आँकड़ों का जो एक ग्राफिक्स साझा किया है उसमें दिखता है कि कोरोना से दुनिया भर में सबसे ज़्यादा मौतें भारत में हुई हैं। इसके बाद रूस में 10 लाख 72 हज़ार, इंडोनेशिया में 10 लाख 29 हज़ार, अमेरिका में 9 लाख 12 हज़ार, ब्राज़ील में 6 लाख 81 हज़ार और मेक्सिको में 6 लाख 25 हज़ार मौतें हुई हैं। अन्य देशों में इससे कम मौतें हुई हैं।
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने कांग्रेस नेता पर कोरोना मौतों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। एक संवाददाता सम्मेलन में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की पद्धति भारत में वायरस के कारण अनुमानित मौतों की गणना करने के लिए त्रुटिपूर्ण है और भारत सरकार ने संगठन को अपनी आपत्तियों से अवगत कराया था।
ऐसी ही प्रतिक्रिया सरकार ने गुरुवार को तब भी दी थी जब डब्ल्यूएचओ का आँकड़ा सामने आया था।
भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के उन आँकड़ों को खारिज कर दिया जिसमें इसने कहा है कि भारत में कोरोना से सबसे ज़्यादा मौतें हुई हैं। डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच भारत में कोरोना से 47 लाख 'अतिरिक्त' मौतें हुई हैं। वैसे भारत सरकार का अब तक का आधिकारिक आँकड़ा क़रीब 5.2 लाख ही है। यानी डब्ल्यूएचओ का मौत का आँकड़ा भारत के आधिकारिक आँकड़ों का क़रीब 10 गुना ज़्यादा है। और यह वैश्विक स्तर पर लगभग एक तिहाई मौतें हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आँकड़ा 1.5 करोड़ है। यानी आधिकारिक आँकड़े 60 लाख से दोगुने से भी अधिक।
भारत ने डब्ल्यूएचओ के कोरोना महामारी से जुड़े अतिरिक्त मृत्यु अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के उपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई है। इसने कहा है कि इस्तेमाल किए गए मॉडलों की वैधता व सटीकता और डेटा की कार्यप्रणाली संदिग्ध हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इस मुद्दे को विश्व स्वास्थ्य सभा और ज़रूरी बहुपक्षीय मंचों पर उठा सकता है।
बयान में कहा गया है, 'इस मॉडलिंग अभ्यास की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान जारी किया है।'