क्या नवजोत सिंह सिद्धू-कैप्टन अमरिंदर सिंह कलह को सुलझाने के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद लेने का फ़ैसला किया है?
चुनावों में अपनी रणनीति और कौशल को साबित करने वाले प्रशांत किशोर के पास ऐसा क्या फ़ॉर्मूला है, जिससे कैप्टन और उन पर लगातार बाउंसर फेंकने वाले क्रिकेटर दोनों ही खुश हो जाएंगे?
ये सवाल इसलिए उठते हैं कि मंगलवार को पंजाब कांग्रेस के प्रभारी की मौजूदगी में राहुल गांधी ने बिहार के इस चुनाव रणनीतिकार से मुलाक़ात की।
क्या करेंगे किशोर?
राहुल गांधी के घर पर हुई इस बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, के. सी. वेणुगोपाल और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद थे।
मंगलवार की बैठक अहम इसलिए भी है कि इसके पहले प्रशांत किशोर ने दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाक़ात की थी।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने इसके पहले ही प्रशांत किशोर को अपना प्रमुख राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया था।
प्रशांत किशोर, चुनाव रणनीतिकार
पंजाब पर बात नहीं हुई?
मंगलवार की इस बैठक के बाद हरीश रावत ने पत्रकारों से कहा, 'राहुल गांधी राष्ट्रीय नेता हैं। कई नेता उनसे मिलते हैं और अपनी बातें कहते हैं। प्रशांत किशोर से पंजाब के बारे में कोई बात नहीं हुई।'
लेकिन पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत की इस बैठक में मौजूदगी उनकी इस सफाई पर सवालिया निशान लगते हैं। यदि पंजाब पर बात नहीं हुई तो पंजाब प्रभारी वहाँ क्या कर रहे थे, यह सवाल उठना लाज़िमी है।
याद दिला दें कि राहुल गांधी और प्रशांत किशोर ने पिछली बार साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान साथ काम किया था।
इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को क़रारी हार मिली थी, पर बीते दिनों प्रशांत किशोर की मदद से पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ज़बरदस्त जीत से प्रशांत किशोर एक बार फिर पहले से अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।
बता दें कि पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनका विरोध करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के बीच काफी समय से तनातनी चल रही है और अब स्थिति विस्फोटक हो चुकी है। इन दोनों नेताओं के बीच सुलह सफाई कराने में नाकाम केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव रणनीतिकार का सहारा लिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
पंजाब कांग्रेस में चल रहे तनातनी और कलह के बीच बीजेपी से कांग्रेस में आए नवजोत सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मिल चुके हैं। इसके बाद अमरिंदर सिंह ने भी राहुल गांधी से मुलाक़ात की थी।
पर बातचीत का भी कोई बहुत खास नतीजा नहीं निकला। क्रिकेट से राजनीतज्ञ बने सिद्धू के तेवर बरक़रार हैं तो कैप्टन अमरिंदर सिंह भी उन्हें समायोजित नहीं कर पा रहे हैं। जिच बरक़रार है।
सिद्धू की गुगली
दिलचस्प बात यह है कि प्रशांत किशोर और राहुल गांधी की इस बैठक के थोड़ी देर पहले ही सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा पंजाब के लिए उनके विज़न और काम को पहचाना है।
याद दिला दें कि पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जब सिद्धू ने बीजेपी से इस्तीफ़ा दिया था तो उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज़ हो गई थीं। यह भी कहा गया था कि उनकी विधायक पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी आम आदमी पार्टी में शामिल होंगी। उस वक्त पार्टी के बड़े नेता संजय सिंह ने सिद्धू के बीजेपी छोड़ने के फ़ैसले का स्वागत किया था।
बहरहाल, सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा है कि 2017 के चुनाव से पहले चाहे वह बेअदबी का मुद्दा रहा हो या फिर ड्रग्स का, किसानों का, भ्रष्टाचार का, बिजली संकट का और आज भी उनके द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे हों या लोगों के सामने रखा गया पंजाब मॉडल हो, आम आदमी पार्टी जानती है कि पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है।