कश्मीर में आतंकवाद जारी रखने के लिए पंजाब को अड्डा बना रहा पाकिस्तान

07:07 am Jun 13, 2020 | अमरीक - सत्य हिन्दी

पंजाब के पठानकोट में पुलिस द्वारा आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद एकबारगी फिर नए सिरे से साफ हो गया है कि कश्मीर में आतंकवाद जारी रखने और फैलाने के लिए पंजाब को ट्रांजिस्ट केंद्र बनाए जाने की कवायद जोरों पर है। 

सरहदी सूबे पंजाब की सीमाएं जम्मू-कश्मीर से सटी हुई हैं। पठानकोट ऐन सीमावर्ती जिला है। पहले भी पाकिस्तान परस्त आतंकियों के ठिए-ठिकाने इस जिले में मिलते रहे हैं और उनकी गिरफ्तारियां भी होती रही हैं। 

हालिया घटनाक्रम में 11 जून को गुप्त रूप से किए गए एक बड़े ऑपरेशन के तहत पंजाब पुलिस ने श्रीनगर के शोपियां के गांव हफसारमाल के मूल बाशिंदे 26 साल के आमिर हुसैन वानी और इसी जिले के गांव शरमाल के रहने वाले 27 वर्षीय वसीम हसल वानी को हिरासत में लिया है। 

पुलिस के मुताबिक़, ये दोनों अमृतसर से ट्रक में असलाह रखकर कश्मीर ले जा रहे थे। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से पुलिस को 10 ग्रेनेड, एक एके-47 राइफल, दो मैगजीन और 60 कारतूस मिले हैं। 

जिस ट्रक से यह बरामदगी की गई, वह अमृतसर सब्जी मंडी के नजदीक मकबूलपुरा वाला रोड से चला था। ट्रक में सब्जी-फल थे। शुरुआती पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि हथियारों की यह खेप उन्हें दो अनजान व्यक्तियों से 11 जून की सुबह हासिल हुई थी।                  

पंजाब पुलिस के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि हथियारों की सप्लाई अमृतसर बॉर्डर पर हुई और ये हथियार कश्मीर ले जाए जाने थे।

आतंकियों से पूछताछ में सामने आया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व कांस्टेबल इशफाक अहमद डार ने इन अभियुक्तों से पंजाब से इन हथियारों की खेप ले जाने के लिए कहा था। यह पूर्व कांस्टेबल 2017 से फरार है और मौजूदा वक्त में घाटी में लश्कर का सक्रिय आतंकवादी है। 

आईएसआई का हाथ 

डीजीपी गुप्ता कहते हैं, "आमिर और वसीम की गिरफ्तारी के साथ हुए खुलासों से पता चलता है कि पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सरहद पार से पंजाब और उससे आगे कश्मीर में हथियारों की खेप की तस्करी और आतंकवादियों की घुसपैठ करवा रही है।’ 

इससे पहले 25 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने कश्मीरी आतंकवादियों के एक बड़े सहयोगी हिलाल अहमद को गिरफ्तार किया था। वह पिछले दिनों मारे गए हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज अहमद नायकू की हिदायत पर अमृतसर से ड्रग मनी लेने के लिए आया था और उसने भी ट्रक का इस्तेमाल किया था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक़, आमिर हुसैन वानी ने खुलासा किया है कि उसने अपने ट्रक में पंजाब के दर्जनभर चक्कर लगाने के दौरान 20 लाख से ज्यादा की हवाला राशि इकट्ठा की थी। इसके लिए जगहें पूर्व कांस्टेबल डार और डॉक्टर रमीज रजा ने बताईं थीं। रमीज इन दिनों जेल में बंद है। 

आमिर ने यह खुलासा भी किया है कि अमृतसर की पिछली यात्राओं के दौरान उसने हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर के दो हथियारबंद आतंकवादियों को पंजाब से कश्मीर पहुंचाया था। 

पठानकोट में हुईं इन गिरफ्तारियों के बाद यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को जारी रखने के लिए एक नए पैंतरे के तहत भारतीय पंजाब का इस्तेमाल कर रहा है और वाया पंजाब हथियार और पैसा कश्मीर जा रहे हैं।

लगभग सात महीने पहले पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियारों की खेप पहुंचाई गई थी। तब पंजाब पुलिस ने कहा था कि इसके पीछे आतंकवादी संगठन जैश और पाकिस्तान में पनाह लिए हुए सिख आतंकवादियों का भी हाथ है। 

लॉकडाउन के बीच पंजाब में फिरोजपुर और अमृतसर से रिकॉर्ड पैमाने पर हेरोइन और अन्य ड्रग्स को बरामद किया गया। इनकी कीमत अरबों रुपये में है। पंजाब से लगी भारत-पाक-सीमा पर रोज कुछ न कुछ आपत्तिजनक सामान बरामद हो रहा है। 

खालिस्तानी आतंकी सरगनाओं ने नब्बे के दशक के बाद से पाकिस्तान में शरण ली हुई है और वे आईएसआई के संरक्षण में हैं। यहां तक कि पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष भी आईएसआई का चयन और मोहरा होता है।