सिद्धू का हमला, बोले- मोदी ने पंजाब और पंजाबियत का अपमान किया

04:38 pm Jan 07, 2022 | सत्य ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक के मामले में कांग्रेस भी लगातार बीजेपी के आरोपों का जवाब दे रही है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पंजाब में एक भी आदमी ऐसा नहीं होगा जिससे प्रधानमंत्री की जान को खतरा हो।

इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी साफ कर चुके हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है जबकि बीजेपी ने कहा है कि यह घटना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करती है। 

सिद्धू ने कहा कि प्रधानमंत्री केवल भारतीय जनता पार्टी के नहीं बल्कि सब के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह कहकर कि यहां उनकी जान को खतरा था, पंजाब और पंजाबियत का अपमान किया है।

हुसैनीवाला जाते वक्त प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर जाम में फंस गया था और वहां से मोदी वापस बठिंडा एयरपोर्ट लौट गए। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पंजाब सरकार के अफसरों से कहा था कि वे अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहें कि वह वहां से जिंदा लौट पाए। सिद्धू ने इसी बात का जवाब दिया है। सिद्धू ने कहा कि ऐसा कहना एक ड्रामा है। 

सिद्धू ने कहा कि जितने तिरंगे आपकी पार्टी, आपने और संघ ने नहीं फहराए होंगे उतने तिरंगे पंजाब के सपूतों की लाशों पर लपेटे जाते हैं। सिद्धू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर रैली में 70000 कुर्सियों पर 500 लोग थे। 

सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का नाम लिए बिना कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री तो बेशर्म हो सकता है कि उसने खाली कुर्सियों को संबोधित किया लेकिन एक प्रधानमंत्री अगर ऐसा करते तो क्या होता।

सिद्धू ने सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा क्या पंजाब की पुलिस तक सीमित है क्या इसमें आईबी, रॉ और केंद्रीय एजेंसियों के लोग शामिल नहीं होते हैं।

सिद्धू ने कहा कि प्रधानमंत्री का सड़क से जाने का कोई प्लान नहीं था लेकिन अचानक उनका प्लान कैसे बदल गया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी इससे पहले भी ऐसा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का किसान साल डेढ़ साल तक अपना हक मांगने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर खड़ा रहा और वहां आपने हमारी पगड़ी हमारे किसानों को आतंकवादी का नाम दिया, खालिस्तानी, मवाली और आंदोलनजीवी का नाम दिया।

अब यह मामला केंद्र और राज्य सरकार, बीजेपी और कांग्रेस के बीच से निकलकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पंजाब सरकार और केंद्र सरकार की ओर से अपनी-अपनी दलीलें रखी गई हैं।