पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के बीच अब तल्खी नई ऊँचाई पर पहुँच गई है। पंजाब के मौजूदा गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की दोस्त और पाकिस्तान की पत्रकार अरूसा आलम के कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंधों की जाँच की जानी चाहिए। रंधावा का यह बयान तब आया है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस में जबर्दस्त ठनी है। अमरिंदर ने हाल ही कहा था कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत सेक्युलरिज्म पर बात करना बंद करें। उनका यह बयान तब आया था जब बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर हरीश रावत ने कहा था कि अमरिंदर सिंह ने अपने भीतर के सेक्युलर अमरिंदर सिंह को मार दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में अपनी नयी पार्टी के गठन और बीजेपी से गठबंधन की जो पेशकश की थी उसके लिए बीजेपी ने भी हामी भर दी है। बीजेपी के पंजाब प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम का बयान आया है और उन्होंने कहा है कि पार्टी अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। हालाँकि, इसके साथ उन्होंने यह भी कहा था कि इस पर आख़िरी फ़ैसला आलाकमान ही ले सकता है।
ऐसी बयानबाज़ी से लगने लगा है कि अब कैप्टन और कांग्रेस के बीच यह आर-पार की लड़ाई बन चुकी है, जिसमें कोई पक्ष दूसरे के लिए थोड़ी भी जगह छोड़ने को तैयार नहीं है। इसी की कड़ी के तौर पर पंजाब के गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा के बयान को भी देखा जा सकता है।
उन्होंने एनडीटीवी से कहा, 'कैप्टन कह रहे हैं कि पंजाब को आईएसआई से ख़तरा है। इसलिए हम आईएसआई के साथ अरूसा आलम के संबंध की भी जांच करेंगे।' रंधावा ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के साथ रिपोर्टिंग करने वाली रक्षा पत्रकार अरूसा आलम के आए एक वीडियो को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने पंजाब पुलिस प्रमुख से आरोपों की जाँच करने को कहा है।
अरूसा आलम का नाम पहले भी सामने आया था जब कैप्टन अमरिंदर ने 2018 में इमरान ख़ान की शपथ में शामिल होने और पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा था।
रिपोर्ट है कि 2004 में अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान अमरिंदर सिंह से मिलने वाली पत्रकार कथित तौर पर उनके घर पर नियमित रूप से आती जाती रही हैं।
रंधावा ने कहा, 'कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले साढ़े चार साल से पाकिस्तान से ड्रोन आने का मुद्दा उठाते रहे। इसलिए कैप्टन ने पहले इस मुद्दे को उठाया और बाद में पंजाब में बीएसएफ़ को तैनात किया गया। तो यह एक बड़ी साज़िश लगती है जिसकी जाँच की ज़रूरत है।'
यह पंजाब कांग्रेस का अमरिंदर सिंह पर अब तक का सबसे तीखा हमला है। पिछले महीने मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर होने के बाद उन्होंने अपनी नयी पार्टी गठित करने और बीजेपी के साथ गठबंधन करने की योजना की घोषणा की है।
बता दें कि अमरिंदर सिंह और कांग्रेस नेतृत्व के बीच चल रही लड़ाई अब इतनी बढ़ चुकी है कि उसे न तो संभाला जा सकता है न ही कैप्टन के लिए पार्टी में टिके रहने या मान मनौव्वल की कोई गुंजाइश बची हुई लगती है।