देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच डीएचएफ़एल कंपनी के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन को महाराष्ट्र के महाबलेश्वर स्थित अपने फ़ॉर्महाउस पर जाने की अनुमति दे दी गयी। ये दोनों परिवार के 20 से ज़्यादा लोगों के साथ घूमने गये थे। पुलिस ने सभी लोगों को हिरासत में गया है। वधावन परिवार इक़बाल मिर्ची और यस बैंक मामले में अभियुक्त है। यस बैंक मामले में ईडी और सीबीआई केस भी दर्ज कर चुकी हैं।
मामले के मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने सख़्ती दिखाते हुए प्रधान सचिव (गृह) अमिताभ गुप्ता को जबरन छुट्टी पर भेज दिया है। गुप्ता ने वधावन परिवार को जाने की अनुमति दी थी। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि जांच पूरी होने तक गुप्ता छुट्टी पर रहेंगे।
गुप्ता ने वधावन परिवार को पांच गाड़ियों के साथ खंडाला से महाबलेश्वर जाने की अनुमति दी थी। गुप्ता ने पत्र में लिखा था कि वे लोग इनके पारिवारिक दोस्त हैं। पत्र में लिखा गया था कि ये लोग मेडिकल इमरजेंसी की वजह से जा रहे हैं जबकि सतारा पुलिस के मुताबिक़ मेडिकल इमरजेंसी की बात सही नहीं थी। वधावन परिवार के ख़िलाफ़ कई धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है।
महाबलेश्वर के स्थानीय लोगों ने वधावन परिवार की गाड़ियों को जाते देख महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी थी। ये लोग पुलिस को कोई भी पास या वैध दस्तावेज़ नहीं दिखा सके थे। सतारा की एसपी तेजस्विनी सतपुते ने कहा कि कुल 23 लोगों को हिरासत में लेकर सरकारी अस्पताल में क्वरेंटीन में रखा गया है।
इस्तीफ़ा दें गृह मंत्री: बीजेपी
इस मामले में विपक्षी दल बीजेपी ने ठाकरे सरकार से सफाई मांगी है और कहा है कि राज्य के गृह मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। यह निश्चित रूप से बहुत बड़ी लापरवाही का मामला है। क्योंकि देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन लागू है और लोग घरों में क़ैद हैं। लेकिन अमीर परिवारों को खुलेआम घूमने की छूट दे दी गयी।