कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संसद में बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक था और इस मामले को टाला जा सकता था। राहुल गांधी के अलावा बैठक में समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव, राजद सांसद मीसा भारती और एनसीपी शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले भी शामिल हुईं। वेणुगोपाल ने कहा, 'यह एक शिष्टाचार भेंट थी, जिसके दौरान राहुल गांधी ने सदन में अध्यक्ष द्वारा आपातकाल लागू किए जाने का मुद्दा भी उठाया।'
उन्होंने कहा, 'जिस संविधान से संसद चलती है, जिस संविधान की हर सदस्य शपथ लेता है, जिस संविधान से हर नागरिक को जान और जीवन की सुरक्षा मिलती है, क्या अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए उसी संविधान का विरोध किया जाएगा?'
दरअसल, यह मामला तब बढ़ा जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र हुड्डा की कुछ टिप्पणियों को लेकर आलोचना की। तब शशि थरूर ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद 'जय हिंद, जय संविधान' का नारा लगाया था। जब विपक्षी सदस्यों ने थरूर के लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद 'जय संविधान' का नारा लगाया, तो बिरला ने टिप्पणी की, "वह पहले से ही संविधान की शपथ ले रहे हैं।"
इस पर रोहतक से सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अध्यक्ष को इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। इसके बाद अध्यक्ष ने हुड्डा को संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे इस बारे में कोई सलाह न दो कि मुझे किस बात पर आपत्ति करनी चाहिए या किस पर नहीं। अपनी सीट पर बैठ जाओ।'
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आश्चर्य जताया कि क्या संसद में 'जय संविधान' नहीं कहा जा सकता।
स्पीकर से मिले राहुल गांधी
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके कक्ष में मुलाकात की और सदन में उनके द्वारा आपातकाल का उल्लेख किए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
बता दें कि पिछले कुछ समय से राहुल गांधी संविधान की प्रति को हाथ में लेकर बीजेपी और पीएम मोदी पर हमलावर हैं। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को लोकसभा में जब सांसद के रूप में शपथ ले रहे थे तो राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी सांसद हाथों में संविधान की कॉपी लहरा रहे थे।
संसद से बाहर निकले राहुल गांधी से जब पत्रकारों ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर हमला कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि यह विपक्ष के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे, इसलिए हमने शपथ लेते समय संविधान को हाथ में लिया। उन्होंने कहा कि कोई भी शक्ति संविधान को नहीं छू सकती।
राहुल ने हाथ में संविधान की प्रति लिए हुए रायबरेली के सांसद के रूप में शपथ ली। उनके साथ ही समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी हाथ में संविधान की किताब लिए शपथ ली। इसी क्रम में गुरुवार को जब शशि थरूर शपथ ले रहे थे तो वह भी हाथ में संविधान की एक प्रति लिए हुए थे।