चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल किया जाएगा या नहीं, इसे लेकर दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास पर सोमवार को अहम बैठक हुई। बीते कई दिनों में प्रशांत किशोर की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के तमाम आला नेताओं के साथ बैठक हो चुकी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय सिंह, अशोक गहलोत ने प्रशांत किशोर को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है जबकि असंतुष्ट नेताओं के गुट में इसे लेकर नाराजगी होने की खबरें भी सामने आई हैं।
सोनिया गांधी के साथ बैठक में इस मामले में बनाई गई कमेटी के सदस्य मौजूद रहे और उन्होंने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी।
कमेटी में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला को शामिल किया गया है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और वरिष्ठ नेता एके एंटनी भी बैठक में मौजूद रहे।
पार्टी कह चुकी है कि इस बारे में अंतिम फैसला सोनिया गांधी ही लेंगी।
कांग्रेस नेताओं की चिंता
कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC का कांग्रेस के विरोधी राजनीतिक दलों के साथ भी अनुबंध है। बता दें कि रविवार को ही I-PAC ने तेलंगाना में सरकार चला रही टीआरएस के साथ अनुबंध किया है।
I-PAC ममता बनर्जी की टीएमसी के लिए भी काम कर रही है। हालांकि प्रशांत किशोर I-PAC के साथ अपने संबंध तोड़ चुके हैं।
G-23 में नाराजगी?
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक, G-23 गुट के नेता इस मामले में खुद को पूरी तरह चर्चा से बाहर रखे जाने की बात कह रहे हैं। G-23 गुट के एक नेता का कहना है कि क्या कोई चुनावी रणनीतिकार पार्टी को बेहतर ढंग से चला सकता है या ऐसे वरिष्ठ नेता जिन्होंने पार्टी के लिए लंबे वक्त तक काम किया है।
उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या ममता बनर्जी और एम के स्टालिन एक चुनावी रणनीतिकार से पूछेंगे कि पार्टी को कैसे चलाया जाए और क्या ऐसे हालात में कांग्रेस कभी बीजेपी से लड़ सकती है?