पीएफआई पर बैन बीजेपी सरकार का अघोषित आपातकाल: एसडीपीआई

11:02 am Sep 28, 2022 | सत्य ब्यूरो

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी एसडीपीआई ने पीएफआई पर बैन लगाए जाने को बीजेपी सरकार का अघोषित आपातकाल बताया है। एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी ने कहा है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना लोकतंत्र और भारतीय संविधान में आम लोगों को मिले अधिकारों पर सीधा हमला है। एसडीपीआई पीएफआई का राजनीतिक संगठन है। 

बताना होगा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पीएफआई पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इससे जुड़े आठ अन्य संगठनों के खिलाफ भी प्रतिबंध की कार्रवाई की गई है।

ये संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

एसडीपीआई ने बयान जारी कर कहा है कि जो भी शख्स बीजेपी सरकार की गलत और आमजन की विरोधी नीतियों के खिलाफ बोलता है उसे छापेमारी और गिरफ्तारियों का सामना करना पड़ता है। एमके फैजी ने कहा है कि अभिव्यक्ति और विरोध करने की आजादी को कुचला जा रहा है। 

फैजी ने कहा है कि बीजेपी सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को चुप कराने के लिए और लोगों की आवाज को दबाने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में पूरी तरह अघोषित आपातकाल लग चुका है। 

फैजी ने कहा है कि ऐसे वक्त में सभी सेक्युलर पार्टियों और लोगों को लोकतंत्र और भारतीय संविधान को बचाने के लिए इस तानाशाही सरकार का विरोध करना चाहिए। 

बीते दिनों में जिस तरह एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी, उसके बाद से ही यह कहा जा रहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय जल्द ही पीएफआई पर बैन लगा सकता है और ऐसा ही हुआ।

क्या कहा है नोटिफिकेशन में?

गृह मंत्रालय ने इस कार्रवाई के लिए पीएफआई का स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से संबंध होने का हवाला दिया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पीएफआई और इससे जुड़े हुए संगठनों को तत्काल प्रभाव से यूएपीए कानून के तहत गैर कानूनी संगठन घोषित किया जाता है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं और यह देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं और देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं। 

ताबड़तोड़ छापेमारी

सोमवार रात और मंगलवार को हुई छापेमारी में कर्नाटक में बेंगलुरु, बीदर, कोलार, चित्रदुर्गा, चामराजनगर आदि जगहों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था जबकि महाराष्ट्र के पुणे में पीएफआई के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। 

असम के 8 जिलों से पीएफआई के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। 

मेरठ, बुलंदशहर और सीतापुर से बड़ी संख्या में पीएफआई से जुड़े संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया था। दिल्ली में शाहीन बाग और जामिया इलाके में भी पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ जांच एजेंसी ने कार्रवाई की थी। यहां दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और स्थानीय पुलिस भी एनआईए के साथ इस कार्रवाई में शामिल रही थी। इससे पहले तेलंगाना के निजामाबाद, कुरनूल, गुंटूर और नेल्लोर जिलों में एनआईए के अफसरों ने छापेमारी की थी।