यूपी में बीजेपी अब धीरे-धीरे साफ करती जा रही है कि वो विधानसभा चुनाव 2022 हिन्दू-मुसलमान के एजेंडे पर लड़ेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 80 बनाम 20 फीसदी के बयान के बाद यूपी बीजेपी के बड़े नेता विनय कटियार ने भी स्पष्ट शब्दों में आज कहा कि 20 फीसदी आबादी कभी भी हमारे साथ नहीं रही। हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद ही हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में चुनाव को "80 बनाम 20 लड़ाई" कहा था। उनकी यह विवादास्पद टिप्पणी धार्मिक विभाजन का इशारा करती है। योगी आदित्यनाथ का आंकड़ा मोटे तौर पर यूपी में हिंदुओं और मुसलमानों के अनुपात से मेल खाता है। लखनऊ में एक चैनल के कार्यक्रम में जब उनसे यूपी में ब्राह्मण वोटों के बारे में सवाल पूछा गया।
भगवा वस्त्र पहने मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, "प्रतियोगिता बहुत आगे बढ़ गई है।" "लड़ाई अब 80 बनाम 20 है।" तब उनसे अगला सवाल हुआ कि "ओवैसी कहते हैं कि यह 19 प्रतिशत है।" योगी ने उसे टोकते हुए कहा,
"80 प्रतिशत वे हैं जो राष्ट्रवाद, सुशासन और विकास के समर्थक हैं। ऐसे लोग बीजेपी को वोट देंगे और जो इसके खिलाफ हैं और माफियाओं और अपराधियों के समर्थक, किसान विरोधी हैं, ऐसे 15-20 लोग अलग रास्ता लेंगे। इसलिए 80-20 की इस लड़ाई में कमल ही रास्ता दिखाएगा।"
बाद में बीजेपी ने सोशल मीडिया पर योगी की 80 बनाम 20 की लड़ाई पर सफाई पेश की। बीजेपी ने कहा कि 80 फीसदी का मतलब है कि इतने लोग बेहतर सुशासन देने की वजह से बीजेपी के साथ हैं। वे फिर से उसे वोट देंगे। योगी ने इस कार्यक्रम में ब्राह्मण वाला सवाल टाल दिया। आज एक ब्राह्मण विधायक राधाकृष्ण शर्मा (बिल्सी विधानसभा क्षेत्र) ने बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया। इस तरह योगी की टिप्पणी को राजनीतिक जवाब मिलना शुरू हो गया है।
इसके बावजूद बीजेपी नेता पीछने हटने को तैयार हैं। यूपी बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार ने आज कहा कि 20 फीसदी मुसलमानों ने कभी भी बीजेपी का साथ नहीं दिया है। राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व के मुद्दे पर हम चुनाव लड़ेंगे। अयोध्या का मथुरा हमने सुलझा लिया है लेकिन अभी काशी-मथुरा बाकी है। कटियार ने कहा कि योगी फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।
पिछले कुछ महीनों से, मुख्यमंत्री "अब्बा जान" या "अब्बा जान कहने वाले लोग" का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसे मुसलमानों और उनके पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ एक कटाक्ष के रूप में देखा गया। योगी आदित्यनाथ ने 12 सितंबर 2021 को कुशीनगर में एक कार्यक्रम में कहा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है... 2017 से पहले सभी को राशन मिलता था? अबा जान कहने वाले ही राशन पचा रहे थे।" समाजवादी पार्टी 2017 में चुनाव हार गई थी।यूपी में 10 फरवरी से सात चरणों में मतदान होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।