वीएचपी की रविवार को धर्मसभा है। इससे पहले इसने साफ़ कहा है कि अब सीधे मंदिर निर्माण होगा। इसने कहा है कि यह हमारी अाख़िरी बैठक होगी, इसके बाद न तो अब सभाएँ या प्रदर्शन होंगे और न ही किसी को समझाया जाएगा। विहिप के संगठन सचिव भोलेंद्र ने कहा, ‘‘हमने पहले 1950 से 1985 तक 35 साल अदालती फ़ैसले का इंतज़ार किया। इसके बाद 1985 से 2010 तक का समय हाईकोर्ट को फ़ैसला देने में लग गया। दुर्भाग्य है कि 33 साल से रामलला टेंट में हैं। अब और इंतजार नहीं होगा।’’इस धर्मसभा के साथ ही राम मंदिर के लिए अयोध्या में एक बार फिर तेज़ हलचल है। इस बार दो संगठन सीधे तौर पर जुड़े हैं। विश्व हिन्दू परिषद और शिवसेना। वीएचपी धर्मसभा कर रही है। यह धर्मसभा ही इस हलचल की प्रमुख वजह है। धर्मसभा की तैयारियाँ पूरी हो गई हैं। भक्तमाल बगिया में 100 बीघे के इस आयोजन स्थल पर देशभर से क़रीब 2 लाख लोगों के आने का अनुमान है। इनमें साधु, संत, विहिप-भाजपा-संघ के कार्यकर्ता होंगे। ज्यादातर साधु भी एक सुर से राम मंदिर निर्माण की वकालत करते हुए राम नगरी में पहुंच रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसमें शिवसैनिक भी शामिल होंगे। हालांकि, सभा के मंच पर साधु-संत बैठेंगे, कोई राजनेता नहीं।
धर्मसभा तो वीएचपी की है, लेकिन इसका प्रबंधन इस बार अारएसएस देख रहा है। राम मंदिर के लिए संघ ने पहली बार धर्मसभा को न केवल खुला समर्थन दिया है, बल्कि प्रबंधन का जिम्मा भी संभाला है।