सनातन धर्मः उदयनिधि स्टालिन ने कहा- चाहे जितने केस करो, अपने बयान पर कायम हूं

11:24 am Sep 04, 2023 | सत्य ब्यूरो

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने भाजपा पर सनातन धर्म पर उनकी टिप्पणियों को "तोड़-मरोड़कर" पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि वह अपने शब्दों पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने खिलाफ किसी भी कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। उदयनिधि ने कहा कि उनके भाषण के अंश वीडियो पर उपलब्ध हैं। भाजपा नेताओं को चाहिए कि वो उसे सुनें। इस बीच दिल्ली में एक वकील ने उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत की है।

इस विवाद की शुरुआत शनिवार को हुई थी। एक कार्यक्रम में तमिलनाडु की डीएमके सरकार में मंत्री और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना "डेंगू" और "मलेरिया" से की और कहा कि इसका सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे "खत्म" किया जाना चाहिए। उनकी टिप्पणी से हंगामा मच गया और भाजपा ने इसकी आड़ में न सिर्फ डीएमके, बल्कि विपक्षी दल इंडिया के साथ-साथ कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उसके प्रवक्ता अमित मालवीय और बाद में भाजपा के तमाम जिम्मेदार नेताओं ने बात को इस तरह पेश किया जैसे उदयनिधि सनातन धर्म की आड़ में हिन्दुओं को खत्म करने की बात कह रहे हैं। लेकिन उदयनिधि ने पेरियार और डॉ आंबेडकर को कोट करते हुए सनातन धर्म पर हमला बोला है।

एएनआई के मुताबिक उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, उदयनिधि स्टालिन ने अपना रुख बरकरार रखा और कहा कि उन्होंने सिर्फ सनातन धर्म की "आलोचना" की और इसे "खत्म" करने का आह्वान किया। मैं इसे लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकानी हरकतें कर रहे हैं जो कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए बोला है, जबकि अन्य कह रहे हैं कि द्रविड़म को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। क्या इसका मतलब यह है कि डीएमकेवासियों को मार दिया जाना चाहिए? जब पीएम मोदी कहते हैं 'कांग्रेस मुक्त भारत', तो क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए? सनातन क्या है?

उदयनिधि ने कहा - "द्रविड़ मॉडल परिवर्तन की मांग करता है और सभी को समान होना चाहिए। भाजपा मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और फर्जी खबरें फैला रही है। यह उनका सामान्य काम है। वे मेरे खिलाफ जो भी मामले दर्ज करेंगे, मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूं। भाजपा इंडिया गठबंधन से डरी हुई है और ध्यान भटकाने के लिए वे यह सब कह रहे हैं। डीएमके की नीति 'एक वर्ग, एक भगवान' है।''

इसी विवाद के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु कांग्रेस प्रमुख केएस अलागिरी का एक वीडियो साझा किया, जिसमें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि राज्य में गठबंधन का उद्देश्य सनातन धर्म को "नष्ट" करना है।

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रविवार को उदयनिधि स्टालिन पर निशाना साधा था और कहा कि वह "80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं।" अमित मालवीय की इसी लाइन को भाजपा के तमाम नेताओं ने पार्टी की लाइन मानी और शोर मचाना शुरु कर दिया। लेकिन रविवार को ही अमित मालवीय को जवाब देते हुए, उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि उन्होंने कभी भी सनातन धर्म के अनुयायियों के "नरसंहार" का आह्वान नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह हाशिये पर पड़े समुदायों की ओर से बोल रहे हैं, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा, "सनातन धर्म को उखाड़ना मानवता और मानव समानता को कायम रखना है।" उदयनिधि के भाषण के वीडियो वायरल हैं, जिनमें वो साफ साफ कह रहे हैं कि सनातन धर्म को खत्म करना है। उदयनिधि कभी भी सनातन धर्म को मानने वालों को खत्म करने की बात नहीं की। उदयनिधि के बयान से सोशल जस्टिस यानी सामाजिक न्याय पर भी जबरदस्त बहस छिड़ गई है।

दिल्ली पुलिस में शिकायत

सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ रविवार को दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता विनीत जिंदल ने दावा किया है कि उदयनिधि मारन ने एक भाषण में सनातन धर्म के खिलाफ उत्तेजक, भड़काऊ, अपमानजनक और उकसाने वाला बयान दिया है।

शिकायतकर्ता वकील ने कहा, एक हिंदू और सनातन धर्म अनुयायी होने के नाते, उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को खत्म करने और सनातन की तुलना मच्छरों, डेंगू, कोरोना और मलेरिया से करने के बयान से मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

शिकायतकर्ता वकील जिंदल ने कहा कि उदयनिधि मारन के शब्द सनातन धर्म के प्रति उनकी नफरत को दर्शाते हैं। वह कर्नाटक सरकार में एक विधायक और मंत्री हैं, जिन्होंने हमारे देश के संविधान के अनुसार काम करने की शपथ ली है और उन्हें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन उन्होंने जानबूझकर सनातन धर्म के लिए भड़काऊ और अपमानजनक बयान दिया, जिसका उद्देश्य समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना है।