बंगले को खाली करने के मामले में आज ट्विटर पर प्रियंका गाँधी और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच ज़ुबानी जंग हुई। इसकी शुरुआत तब हुई जब प्रियंका ने उस ख़बर को फ़ेक न्यूज़ बता दिया जिसमें कहा गया था कि उन्होंने बंगले को खाली करने के लिए और समय के लिए अनुरोध किया है। इसके बाद हरदीप पुरी उसमें कूद गए और कहा कि कांग्रेस के एक कद्दावर नेता ने उनसे यह अनुरोध किया था। बाद में उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि उस अनुरोध के कारण ही दो महीने का उन्हें एक्सटेंशन दिया गया है।
बता दें कि 1 जुलाई को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने प्रियंका गाँधी को आवंटित सरकारी आवास को इस आधार पर रद्द कर दिया था कि वह पात्रता के लिए अयोग्य है, क्योंकि उन्हें अब विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) का सुरक्षा कवर नहीं मिला है। हरदीप पुरी केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के ही मंत्री हैं।
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब आईएएनएस ने एक ख़बर दी कि प्रियंका गाँधी को लुटिएंस के बंगले में कुछ समय तक रहने के लिए और समय दिया है। इस ख़बर पर ही प्रियंका ने ट्वीट किया, ' यह फ़ेक न्यूज़ है। मैंने सरकार से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है। 1 जुलाई को मुझे सौंपे गए निष्कासन पत्र के अनुसार, मैं 1 अगस्त तक 35 लोधी एस्टेट में सरकारी आवास खाली कर दूँगी।'
इस ट्वीट के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट किया, 'तथ्य अपने आप बोलते हैं!
एक शक्तिशाली कांग्रेस नेता ने मुझे 4 जुलाई 2020 को दोपहर 12:05 बजे यह अनुरोध करने के लिए फ़ोन किया कि 35, लोधी एस्टेट को एक अन्य कांग्रेस सांसद को आवंटित किया जाए ताकि प्रियंका वाड्रा रह सकें।
कृपया सब कुछ सनसनीखेज न करें।'
हरदीप पुरी के इस ट्वीट पर प्रियंका ने एक ट्वीट कर जवाब दिया, 'यदि किसी ने आपको मिस्टर पुरी फ़ोन किया है तो मैं उनकी चिंता के लिए उन्हें धन्यवाद देती हूँ, साथ ही आपके विचार करने के लिए भी धन्यवाद देती हूँ। लेकिन अभी भी तथ्य नहीं बदला है: मैंने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, और मैं ऐसा कोई अनुरोध नहीं कर रही हूँ। जैसा कि मैंने कहा, मैं 1 अगस्त तक घर खाली कर दूँगी...।'
ट्विटर पर यह जंग यहीं नहीं रुकी। फिर से केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट कर हमला किया। उन्होंने लिखा, 'जिस नेता ने मुझे और कई लोगों को फ़ोन किया, वह कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर हैं। ये वही राजनीतिक सलाहकार हैं जो आपके परिवार के लिए काम करते हैं। जब उन्होंने अनुरोध किया तब हमने सद्भाव में दो महीने का विस्तार देने का फ़ैसला किया।'
प्रियंका के बचाव में उनके पति रॉबर्ट वाड्रा भी उतरे। उन्होंने दोहराया कि परिवार ने कोई एक्सटेंशन के लिए नहीं कहा था और एक सप्ताह पहले बंगले को खाली कर दिया जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह पूरी तरह से गलत है! हमने ठहरने के लिए कोई एक्सटेंशन नहीं माँगा है। 30 दिनों में छोड़ने के लिए हमें 1 जुलाई को नोटिस भेजा गया था। हम कोविड-19 के समय में भी घर के अपने पूरे सामान को पैक कर चुके हैं, और समय से एक सप्ताह पहले निकल जाएँगे।'