केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का प्रेम अचानक बारामती (महाराष्ट्र) के लिए जाग उठा है। वो वहां 16 अगस्त को जा रही हैं। लेकिन वो वहां क्यों जा रही हैं, इसके पीछे बीजेपी की क्या रणनीति है। यह जानना जरूरी है।
शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन और महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद, नई सरकार में दूसरी भूमिका निभाने वाली बीजेपी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के गढ़ बारामती पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में सीट जीतने के लिए यह उसका गंभीर प्रयास माना जा रहा है।
पार्टी के मिशन 45 के एक हिस्से के रूप में, बीजेपी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बारामती पर ध्यान केंद्रित करने और अपने गढ़ में पवार को हराने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय करने के लिए एक प्रमुख भूमिका सौंपी है। वर्तमान में, एनसीपी नेता और पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं।
शुरुआत में, सीतारमण 16 से 18 अगस्त तक बारामती संसदीय क्षेत्र का दौरा करेंगी और बारामती, इंदापुर, दौंड, पुरंदर, खडकवासला और भोर विधानसभा क्षेत्रों में व्यापक यात्रा करेंगी। सीतारमण पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवादात्मक बैठकें करेंगी और पार्टी संगठन की बूथ-वार स्थिति की समीक्षा करेंगी।
राज्य के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने पत्रकारों को बताया, 1980 में अपने गठन के बाद से बीजेपी ने बारामती सीट नहीं जीती है क्योंकि यह पवार के पास है। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें हराने के लिए बारामती पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। यह पार्टी की मिशन 45 रणनीति का हिस्सा है और देश भर में अगले आम चुनावों में 350 सीटों को पार करने के उसके कदम का भी हिस्सा है। पार्टी की चुनाव मशीनरी को सक्रिय करने और अगले लोकसभा चुनाव से पहले अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक हाई प्रोफाइल नेता और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दौरे की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री की यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, पार्टी विधायक राम शिंदे और राहुल कुल के साथ अन्य कार्यकर्ताओं की बैठक 9 अगस्त को बुलाई गई है।
बीजेपी नेता ने कहा कि सीतारमण केंद्रीय स्कीमों का जायजा लेंगी और लाभार्थियों से भी मुलाकात करेंगी। उन्होंने कहा, सीतारमण मोदी 2.0 के दौरान शुरू की गई विभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं और बीजेपी के सभा साथ सबका विश्वास मॉडल के लाभों को पवार के बारामती में एक मुद्दे के रूप में पेश करेंगी।
दरअसल, शरद पवार ने महाराष्ट्र में एमवीए सरकार बनाने का करिश्मा किया था, उससे बीजेपी आज भी हतप्रभ है। इसलिए वो पवार को राजनीतिक रूप से कमजोर करना चाहती है। लेकिन यह तभी मुमकिन है, जब पवार अपने ही गढ़ में कमजोर हों। इसी मिशन को पूरा करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लगाया गया है।