कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन में अब सिर्फ 3 दिन का वक्त बचा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांधी परिवार के द्वारा समर्थित उम्मीदवार माना जा रहा था और रविवार को राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम से पहले यह लगभग तय था कि अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बन जाएंगे।
लेकिन रविवार को जो कुछ राजस्थान में हुआ उसके बाद यह कहा जा रहा है कि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गए हैं।
हालांकि इस सियासी घटनाक्रम में कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सीधी कार्रवाई करने से बचते हुए उनके तीन समर्थकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे बड़े पद पर किस नेता का चुनाव होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं लेकिन शशि थरूर कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 में शामिल हैं। इसलिए शायद उन्हें गांधी परिवार का समर्थन ना मिले।
एंटनी को दिल्ली बुलाया
तेजी से बदल रही सियासी तस्वीर के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी को दिल्ली बुलाया है। सोनिया गांधी राजस्थान संकट के मसले को लेकर एक्टिव हैं और बीते दिनों में वह पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित तमाम नेताओं से बातचीत कर चुकी हैं।
निश्चित रूप से यह बड़ा सवाल है इस चुनाव में गांधी परिवार के द्वारा समर्थित उम्मीदवार कौन होगा। हालांकि सोनिया गांधी पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर से स्पष्ट रूप से कह चुकी हैं कि वह चुनाव में पूरी तरह तटस्थ रहेंगी। लेकिन जिस तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए कहा जा रहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में गांधी परिवार के द्वारा समर्थित उम्मीदवार हैं और अब जब उनके इस चुनावी रेस से बाहर होने की बात सामने आ रही है तो ऐसे में यक्ष प्रश्न यही है इस चुनाव में गांधी परिवार के द्वारा समर्थित उम्मीदवार कौन होगा।
कई नेताओं के नाम
कहा जा रहा है कि पंजाब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक भी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के बारे में कहा जा रहा है कि यह दोनों नेता भी चुनावी ताल ठोक सकते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने भी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का फॉर्म खरीदा है लेकिन उन्होंने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि उन्होंने यह फॉर्म किसी और के लिए खरीदा है।
अखबार के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी के चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने एआईसीसी के डाटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती, एआईसीसी के सचिव बीपी सिंह के साथ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है और उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के डेलीगेट्स की अंतिम सूची सौंपी है।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में 9,100 डेलीगेट्स हैं और कांग्रेस का कोई भी नेता जिसके पास 10 डेलीगेट्स का समर्थन हो, वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में नामांकन 30 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की सूरत में 17 अक्टूबर को मत डाले जाएंगे। 19 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी और उसी दिन चुनाव नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।
देखना होगा कि कांग्रेस की ओर से आने वाले दिनों में कितने नेता अध्यक्ष के चुनाव में नामांकन दाखिल करते हैं और गांधी परिवार का अप्रत्यक्ष समर्थन किस नेता को मिलता है?