समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। समाजवादी पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन कोलकाता में किया है। जिसमें भाग लेने के लिए अखिलेश कोलकाता आए हुए हैं।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इन सबकि चाहत पिछले नौ साल से सत्ता में मौजूद बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकना है। इसके लिए हर राजनीतिक दल अपने हिसाब से अपने गठबंधन के साथी चुन रहा है।
कांग्रेस से इतर विपक्षी एकता के प्रयासों में लगे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को दिन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात की चर्चा काफी पहले से थी। कयास लगाए जा रहे थे कि ममता से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ऐसी किसी पहल की अगुवाई कर सकते हैं।
ममता और अखिलेश की मुलाकात तृणसूल कांग्रेस सासंद सुदीप बंदोपाध्याय ने प्रेस कांफ्रेस की और दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे बताया। सुदीप बंदोपाध्याय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टीएमसी, समाजवादी पार्टी और बीजेड़ी ने आपस में तय किया है कि वे कांग्रेस और बीजेपी से समान दूरी बनाकर रखेंगे।
अखिलेश से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी अगले सप्ताह ओडिशा और बीजू जनता दल के प्रमुख मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात करेंगी।
सुदीप बंदोपाध्याय ने शुक्रवार को संसद में घटी एक अभूतपूर्व घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी राहुल गांधी से लंदन में उनकी टिप्पणी के उनसे माफी की मांग कर रही है। बीजेपी का कहना है कि जब तक राहुल गांधी माफी नहीं मांग लेते वह संसद नहीं चलने देगी। इसका मतलब है कि वे नहीं चाहते कि कांग्रेस का इस्तेमाल कर के संसद चले। भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी (विपक्ष का) चेहरा बनें ताकि इससे भाजपा को मदद मिले।
इस रणनीति का उद्देश्य कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को विपक्षी दलों के समूह के प्रमुख नेता के रूप में चित्रित करने के भाजपा के प्रयास का मुकाबला करना है। हाल ही में लंदन में एक भाषण के दौरान भारतीय संसद में विपक्षी नेताओं के माइक्रोफोन बंद होने का आरोप लगाने के बाद भाजपा राहुल गांधी से माफी मांगने की कोशिश कर रही है। अन्य विपक्षी दलों को अब संदेह है कि भाजपा राहुल गांधी का इस्तेमाल कर उन्हें निशाना बना रही है।
सुदीप बंदोपाध्याय ने कहाकि, "प्रधानमंत्री पद के चेहरे (2024 के चुनाव के लिए) पर फैसला करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस को यह भी नहीं सोचना चाहिए कि वह विपक्ष की बिग बॉस है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 23 मार्च को नवीन पटनायक से मुलाकात करेंगी। हम अन्य विपक्षी दलों के साथ इस (भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने की योजना) पर चर्चा करेंगे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह तीसरा मोर्चा है, लेकिन क्षेत्रीय दलों में भाजपा का मुकाबला करने की ताकत है।
पिछले दिनों ही समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए नीतिश कुमार की जेडीयू से गठबंधन की घोषणा की थी। उससे पहले वे केसीआर द्वारा पार्टी का नाम बदले जाने के बाद बीआरएस की पहली रैली मैं शामिल होने तेलंगाना पहुंचे हुए थे।
पिछले दिनों ही समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए नीतिश कुमार की जेडीयू से गठबंधन की घोषणा की थी। उससे पहले वे केसीआर द्वारा पार्टी का नाम बदले जाने के बाद बीआरएस की पहली रैली मैं शामिल होने तेलंगाना पहुंचे हुए थे। उससे भी पहले अखिलेश यादव ने अमेठी में अपना उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी। इससे अँदाजा लगाया जा रहा था कि अखिलेश कांग्रेस के साथ जाने में असहजता महसूस कर रहे हैं।