I.N.D.I.A को झटकाः राहुल की यात्रा से नीतीश की दूरी, लालू पुत्री का ट्वीट वापस  

02:42 pm Jan 25, 2024 | सत्य ब्यूरो

बिहार में इंडिया गठबंधन की एकता भंग होती नजर आ रही है। यह वही राज्य है, जहां 2024 में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी नेता 2023 में जमा हुए थे। अब जब इंडिया के महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बिहार पहुंचने वाली है तो कई ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे इस गठबंधन पर संकट के बाद मंडरा उठे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में शामिल नहीं होंगे। विशेष रूप से, राहुल गांधी 30 जनवरी को बिहार की राजधानी पटना में एक रैली करने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, सीएम कुमार ने 30 जनवरी को पहले से ही कुछ कार्यक्रम तय किए हैं। हालांकि नीतीश कैंप ने अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है कि वो राहुल की यात्रा में शामिल होंगे या नहीं।

हालांकि इसके पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने घोषणा की थी कि नीतीश कुमार पूर्णिया में रैली में शामिल होने के लिए सहमत हो गए हैं। इसकी पुष्टि तब हुई जब कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कुमार से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और मल्लिकार्जुन खड़गे का पत्र सौंपा था।

इस घटनाक्रम को I.N.D.I.A के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने आगामी लोकसभा चुनावों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को घेरने की कोशिश में एक साथ आने का फैसला किया था। मंगलवार रात सीएम कुमार ने अपने राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के केंद्र के फैसले के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया था। 

बिहार में आरजेडी-जेडीयू खेमे में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के गुरुवार के ट्वीट से तो यही लगता है। मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बुधवार को कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के अपनी सरकार के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की थी। नीतीश ने परिवारवाद पर भी हमला किया था। यह इशारा जहां था, वहां तक बात पहुंच गई।

इसे नीतीश कुमार पर कटाक्ष के रूप में समझा जा सकता है, रोहिणी ने एक के बाद एक ट्वीट्स में बिहार के सीएम को कहा, "एक समाजवादी जो हवाओं की तरह विचारधारा बदल रहा है। खीज जाहिर करने से क्या होगा? जब कोई हमारे योग्य नहीं है... कानून के शासन की अवहेलना कौन कर सकता है? जब किसी की नीयत में खोट हो।” हालांकि इस ट्वीट को वापस ले लिया गया है। लेकिन यह ट्वीट काफी देर तक सोशल मीडिया पर रहा। अब यह वायरल भी हैय़

यह ट्वीट वापस लिया जा चुका है।

बुधवार को नीतीश कुमार ने कहा था, "कर्पूरी ठाकुर बिहार के सबसे बड़े समाजवादी नेता थे। आप सभी को याद रखना चाहिए कि अन्य बातों के अलावा, कर्पूरी ठाकुर को अपने परिवार को बढ़ावा देने के लिए कभी भी अपने रसूख का इस्तेमाल नहीं करने के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने हमेशा आम लोगों के बारे में सोचा। बिहार आज के कई नेताओं से बिल्कुल अलग है जो केवल अपने परिवार के सदस्यों को बढ़ावा देते हैं। मैंने उनसे प्रेरणा ली है। आप सभी जानते हैं कि मैंने कभी भी अपने परिवार के किसी सदस्य को बढ़ावा देने की कोशिश नहीं की।"

इसी तर्ज पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, "नीतीश कुमारजी ने कर्पूरी ठाकुर द्वारा अपने बेटे को एमएलए का टिकट नहीं देने के तरीके की सराहना की। उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' देने के लिए पीएम की भी सराहना की।" बता दें कि तीन दिन पहले बिहार में उस समय भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी, जब मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलने राजभवन गए थे। उनके साथ उनके मंत्री थे लेकिन वो तेजस्वी यादव को साथ नहीं ले गए थे। इसके बाद आरजेडी और जेडीयू ने इसे नीतीश और राज्यपाल की शिष्टाचार मुलाकात बताया था। लेकिन बिहार में बुधवार से तमाम अटकलें चल रही हैं।