कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि पार्टी अगले साल एक और यात्रा निकाल सकती है। बता दें कि इन दिनों कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है और इसे जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होना है। यह यात्रा 5 महीने तक चलेगी। जयराम रमेश ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा पार्टी के लिए बूस्टर डोज साबित हो रही है और पार्टी अगले साल गुजरात के पोरबंदर से अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड तक एक और यात्रा निकालने की योजना बना रही है।
रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का असम चरण इस साल नवंबर में शुरू होगा और इस दौरान पार्टी के नेता असम के सदिया से लेकर धुबरी तक 800 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का गुजरात, तेलंगाना, कर्नाटक या फिर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।
पिछले दो लोकसभा चुनाव में और कई राज्यों में करारी शिकस्त खा चुकी कांग्रेस को उम्मीद है कि भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी संगठन को नई ऊर्जा मिलेगी।
लगातार चुनावी शिकस्त के अलावा कांग्रेस अपने नेताओं के पार्टी छोड़ने की वजह से भी परेशान है। गुलाम नबी आजाद से लेकर कपिल सिब्बल, हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़, आरपीएन सिंह सहित कई नेता पिछले कुछ महीनों में ही पार्टी छोड़ चुके हैं।
कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा को लोगों के बीच पहुंचाने के लिए अपनी सोशल मीडिया टीम को मजबूत किया है। कांग्रेस के तमाम फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर भारत जोड़ो यात्रा का जमकर प्रचार देखा जा सकता है। कांग्रेस को उम्मीद है कि भारत जोड़ो यात्रा के जरिए वह लोगों के बीच पहुंचने में सफल होगी।
हालांकि पार्टी इस बात को कह चुकी है कि कांग्रेस की कीमत पर विपक्षी एकता उसे मंजूर नहीं है। बताना होगा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन के पाले में आने के साथ ही विपक्षी एकता की कोशिशें तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दिनों दिल्ली आकर राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, वामपंथी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर चुके हैं।
5 महीने बाद जब भारत जोड़ो यात्रा पूरी होगी तो इस बात का विश्लेषण किया जाएगा कि क्या 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस इस यात्रा के जरिए अपने कार्यकर्ताओं में जान फूंक पाई है। अगर कांग्रेस गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक की एक और यात्रा निकालती है तो निश्चित रूप से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान छूटे हुए राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम लोगों तक इस यात्रा के जरिए पहुंचने की कोशिश करेगी।
लेकिन कांग्रेस गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के साथ ही 2023 में 9 राज्यों में होने वाले चुनाव में कैसा प्रदर्शन करेगी, यह बेहद अहम होगा। इससे यह पता चलेगा कि क्या वह वास्तव में भारत जोड़ो यात्रा से मजबूत हुई है और क्या वह 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की अगुवाई कर सकती है या नहीं।