झारखंड: 3 कांग्रेसियों से नकदी मिली; क्या ऑपरेशन लोटस है? 

09:02 am Jul 31, 2022 | सत्य ब्यूरो

महाराष्ट्र के बाद क्या अब झारखंड में राजनीतिक गहमाहमी होने वाली है? कम से कम कांग्रेस के तीन विधायकों के पास से बड़ी मात्रा में मिली नकदी के बाद तो कांग्रेस ने कुछ ऐसे ही आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि उन तीनों को 'बीजेपी ने पैसे दिए थे और इसलिए कि वे सरकार को गिराएँ'। जबकि बीजेपी ने कहा है कि उन तीनों नेताओं के पास से उतनी मात्रा में नकदी पाया जाना जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन में भ्रष्टाचार का सबूत है।

दरअसल, यह मामला शनिवार को पश्चिम बंगाल में सामने आया। हावड़ा जिले की पुलिस ने शनिवार को एक कार से 'बड़ी मात्रा में नकदी' जब्त की। उसमें झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक यात्रा कर रहे थे। टीएमसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा गया है, 'खरीद-फरोख्त की सुगबुगाहट और झारखंड सरकार के संभावित तख्तापलट के बीच झारखंड कांग्रेस के तीन नेता बंगाल में भारी मात्रा में नकदी ले जाते हुए पाए गए। इस पैसे का स्रोत क्या है? क्या कोई केंद्रीय एजेंसी स्वतः संज्ञान लेगी? या क्या नियम कुछ चुनिंदा लोगों पर लागू होते हैं?'

टीएमसी के इस ट्वीट से उस मामले को लेकर निशाना साधा गया है जिसमें इसके एक नेता पार्थ चटर्जी के घर ईडी के छापे मारे गए हैं। इस मामले में चटर्जी और उनकी क़रीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है। पहले ख़बर आई थी कि ईडी के छापे में अर्पिता के घर से क़रीब 20 करोड़ बरामद हुए। हालाँकि, बाद में उनके एक और फ्लैट में छापे में उनके घर से क़रीब 30 करोड़ रुपये और मिलने का दावा किया गया था। टीएमसी इस कार्रवाई को सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के तौर पर देखती रही है। 

बहरहाल, ताज़ा मामला झारखंड का है और पश्चिम बंगाल पुलिस ने तीन कांग्रेसी नेताओं की गाड़ी से बड़ी मात्रा में नकदी पकड़ी है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने कहा है कि तीनों-इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी को पैसे के स्रोत के बारे में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने कहा है कि रुपये की गिनती के लिए नोट काउंटिंग मशीनों का उपयोग करना होगा।

एक टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी पर 'जामतारा विधायक' लिखा हुआ एक बोर्ड था। वो विधायक इरफान अंसारी हैं। कच्छप खिजरी से विधायक हैं और कोंगारी हैं कोलेबिरा से। रिपोर्ट के अनुसार उनकी ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कांग्रेस ने कहा है कि उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने के लिए भाजपा द्वारा पैसा दिया गया था। 

झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'यह बीजेपी की फितरत में है कि वह किसी भी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करे जो उनकी नहीं है।'

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया है, "झारखंड में भाजपा का 'ऑपरेशन लोटस' आज की रात हावड़ा में बेनकाब हो गया। दिल्ली में 'हम दो' का गेम प्लान झारखंड में वही करने का है जो उन्होंने महाराष्ट्र में एकनाथ-देवेंद्र (E-D) की जोड़ी से करवाया।"

झारखंड भाजपा नेता आदित्य साहू ने हालांकि आरोप लगाया कि यह पैसा झामुमो-कांग्रेस भ्रष्टाचार का सबूत है। उन्होंने कहा, 'जब से वे सत्ता में आए हैं, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। वे अन्य उद्देश्यों के लिए जनता के पैसे का उपयोग करते हैं।'

बता दें कि झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी मिलकर सरकार चला रहे हैं। बीते कुछ दिनों से झारखंड में सरकार को लेकर तमाम तरह की बातें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मीडिया में कही जा चुकी हैं। ऐसी अटकलें हैं कि झामुमो बीजेपी के साथ आकर सरकार बना सकता है। 

कांग्रेस पहले भी ऐसी आशंका जताती रही है। क़रीब हफ़्ते भर पहले ही उसने आशंका जताई थी कि झारखंड में ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत बीजेपी उसके विधायकों में सेंध लगा सकती है। कांग्रेस को यह डर राष्ट्रपति चुनाव में हुई वोटिंग के बाद पैदा हुआ। ऐसा डर महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिरने के बाद ज़्यादा रहा। शिवसेना के बाग़ी एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर वहाँ सरकार बना ली। इससे पहले मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार भी गिर गई थी जब कई विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था। इससे पहले कर्नाटक में भी कांग्रेस और जेडीएस सरकार कुछ इसी तरह से गिर गई थी और फिर बीजेपी ने वहाँ सरकार बनाई। एक समय राजस्थान में भी इसकी कोशिश की गई, लेकिन सफल नहीं हो पाया। कहा गया कि इन राज्यों में 'ऑपरेशन लोटस' चलाया गया।