पश्चिम बंगाल से बीजेपी सांसद कुनार हेम्ब्रम ने निजी कारणों का हवाला देते हुए लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी है। हेम्ब्रम झाड़ग्राम से सांसद हैं। यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदिवासी गढ़ में सार्वजनिक रैली करने के कार्यक्रम से कुछ दिन पहले सामने आया है। यह इलाका कभी माओवादियों का गढ़ भी रहा है। भाजपा सांसद पहले इंजीनियर थे। लेकिन बाद में नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा में आए और चुनाव लड़कर सांसद बने।
हेम्ब्रम ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही अपने फैसले से पार्टी को अवगत करा दिया है। भाजपा सांसद ने कहा, ''व्यक्तिगत कारणों से मैं पार्टी छोड़ना चाहता हूं। मेरी किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं है। मैं अन्य सामाजिक कार्यों में लगा हुआ हूं। मैं इस तरह की पहल के माध्यम से लोगों की सेवा करना जारी रखूंगा।”
हालाँकि, सूत्रों ने कहा कि भाजपा इस बार उन्हें झाड़ग्राम लोकसभा क्षेत्र से टिकट देने की इच्छुक नहीं है। पीएम मोदी 11 मार्च को झाड़ग्राम में एक सार्वजनिक बैठक कर सकते हैं। पूरी पार्टी उस रैली की तैयारी में लगी हुई है। लेकिन इस दौरान सांसद ने अपना इस्तीफा भेज दिया। इससे पीएम की प्रस्तावित रैली की तैयारी प्रभावित होने की संभावना है। समझा जाता है कि चुनाव की तारीफ घोषित होने के बाद बड़े पैमाने पर बंगाल के समीकरण बदलेंगे।
मीडिया में संदेशखाली की काफी चर्चा है और संदेशखाली के बहाने से भाजपा ने टीएमसी और ममता बनर्जी को घेर रखा है। लेकिन इस दौरान भाजपा छोड़ने वाले विधायक, सांसदों की चर्चा मीडिया में नहीं है। इससे पहले, राणाघाट दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मुकुट मणि अधिकारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे और पार्टी सांसद जॉन बारला को अलीपुरद्वार निर्वाचन क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने सख्त बातें कहीं हैं।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, “उन्होंने पहले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को सूचित कर दिया है कि वह व्यक्तिगत कारणों से पद पर बने नहीं रह सकते। इसका लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। यह निश्चित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को एक बार फिर लाल किले से अपना भाषण देंगे। इसलिए, इस तरह के घटनाक्रम से लोकसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'
हालाँकि, टीएमसी वरिष्ठ नेता शांतनु सेन ने हालिया घटनाक्रम पर भाजपा की आलोचना की। पार्टी ने कहा- "यह तो एक शुरूआत है। आने वाले दिनों में इस तरह के और भी घटनाक्रम होंगे। उनकी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सुभाष सरकार, दिलीप घोष और सुकांत मजूमदार जैसे नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। जो लोग पश्चिम बंगाल का विकास चाहते हैं वे भाजपा के साथ नहीं रह सकते।”