आम चुनाव से एक साल पहले ही लगता है कि 2024 का चुनावी बिगुल राजनीतिक दलों ने बजा दिया है। राहुल गांधी जहाँ कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा निकाल रहे हैं, वहीं अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कई राज्यों के दौरे की ख़बर आ रही है। समझा जाता है कि अमित शाह के इस दौरे के साथ बीजेपी 2024 में चुनाव के लिए अपने अभियान को तेज करने के लिए तैयार है।
कहा जा रहा है कि अमित शाह का अभियान 2024 के लिए भाजपा के 'मिशन 350' का हिस्सा है। इसके तहत पार्टी का लक्ष्य अगले साल आम चुनाव में 543 लोकसभा सीटों में से कम से कम 350 सीटें जीतना है।
बीजेपी उन 160 निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान कर रही है जहाँ भाजपा मामूली अंतर से हारी या जीती है। हालाँकि इससे पहले पार्टी ने 144 ऐसी लोकसभा सीटों की पहचान की थी, जहाँ उसे जीतने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। लेकिन पार्टी ने तमाम अंदरुनी सर्वे के बाद मुश्किल सीटों की संख्या 144 से बढ़ाकर 160 कर दी है। यानी पार्टी को अब और ज्यादा मेहनत करनी होगी। इसके लिए पार्टी विस्तारक नियुक्त करने जा रही है, जो हर सीट पर फोकस करेंगे।
2024 के लिए लोकसभा की सीटों का सबसे बड़ा हिस्सा बिहार में है, जहाँ वह अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। जेडीयू से अलग होने के बाद बीजेपी को यहां जीत के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है। इन सीटों पर अभियान की अगुआई करने वाले संगठन के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी और भविष्य के रोड मैप पर चर्चा की। नड्डा बिहार में जनसभाएँ कर भी रहे हैं।
इसी बीच अब अमित शाह की यात्रा को लेकर ख़बरें आई हैं। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि संसदीय क्षेत्रों का दौरा करने के लिए 'लोकसभा प्रवास' नाम के अभियान के तहत अमित शाह के जनवरी में 11 राज्यों की यात्रा करने की संभावना है।
अभियान 5 और 6 जनवरी को पूर्वोत्तर राज्यों- त्रिपुरा, नागालैंड और मणिपुर से शुरू हो रहा है।
अमित शाह गुरुवार को त्रिपुरा में पहुँच भी गए हैं। त्रिपुरा में उन्होंने गुरुवार को दूसरी बीजेपी रथ यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसी दौरान अमित शाह ने आज कहा कि 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर जनता के लिए खुल जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमित शाह 7 जनवरी को छत्तीसगढ़ और झारखंड का दौरा करेंगे। इसके बाद वह 8 जनवरी को आंध्र प्रदेश के दौरे के साथ दक्षिण की ओर रुख करेंगे। वह पहले ही 30 दिसंबर को कर्नाटक का दौरा कर चुके हैं। उनके फिर से 28 जनवरी को कर्नाटक जाने की संभावना है, जहां इस साल के अंत में मतदान होगा।
उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल भी सूची में हैं। अमित शाह 16 और 17 जनवरी को इन राज्यों का दौरा करेंगे। महीने के अंत में वह हरियाणा और पंजाब का दौरा करेंगे।
बता दें कि बीजेपी ने जिन 160 मुश्किल सीटों को चुना है, इनमें से 2019 लोकसभा चुनाव में अधिकांश सीटें वो हार गई थी। पार्टी का मानना है कि इन मुश्किल सीटों पर स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक कारणों की वजहों से चुनौती बड़ी है। इन सीटों में रोहतक और बागपत जैसी सीटें भी शामिल हैं, हालांकि जिन्हें बीजेपी ने 2019 में जीता था। लेकिन अब इन सीटों पर हालात बदल चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने उन सभी में जीत हासिल की थी, जहां से उसने प्रत्याशी खड़े किए, जेडीयू भी एक लोकसभा क्षेत्र को छोड़कर सभी में विजयी हुई थी। शेष छह सीटों पर बीजेपी की एक अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने जीत हासिल की, जिसका नेतृत्व उस समय रामविलास पासवान कर रहे थे। बिहार पर बीजेपी की बैठक में विधानसभा की 90 सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, तेलंगाना विधानसभा की 70 सीटों पर हैदराबाद विस्तारक ट्रेनिंग के एजेंडे में होंगी।