महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मुंबई पुलिस ने झटका दिया है। मुंबई पुलिस ने एकनाथ शिंदे के विधायक सदा सरवणकर की कथित तौर पर उस रिवॉल्वर को जब्त कर लिया है जिस रिवॉल्वर से सदा सरवणकर ने गणेश विसर्जन के दौरान फ़ायरिंग की थी। लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि जब पुलिस ने आरोपी विधायक के ख़िलाफ़ आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला 3 दिन पहले ही दर्ज कर लिया था तो अभी तक पुलिस ने विधायक को गिरफ्तार क्यों नहीं किया है।
हालाँकि पुलिस ने आरोपी विधायक की रिवॉल्वर को जब्त कर फॉरेंसिक लैब में भेज दिया है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि विधायक ने कितने राउंड फ़ायरिंग की थी। बता दें कि गणेश विसर्जन के दौरान उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प के बाद इलाक़े के विधायक सदा सरवणकर ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से फ़ायरिंग की थी। इसके बाद उनके ख़िलाफ़ आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया था।
महाराष्ट्र में जब एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनी थी तो दोनों ही पार्टियों की तरफ़ से दावे किए गए थे कि महाराष्ट्र में क़ानून व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी और इस पर जीरो टॉलरेंस के तहत काम किया जाएगा। लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विधायक सदा सरवणकर द्वारा उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं पर की गई फायरिंग के मामले में ऐसा होता कुछ नहीं दिख रहा है। मामला शुक्रवार देर रात का है जब गणेश विसर्जन के दौरान उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए थे और दोनों में मारपीट और झड़प हुई थी।
इसके बाद मौक़े पर पहुँचे शिवसेना के बागी विधायक सदा सरवणकर ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से फायरिंग की थी। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई थी। उल्टा पुलिस ने उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था, लेकिन जब ठाकरे गुट के सांसदों और विधायकों ने पुलिस पर दबाव डाला और पुलिस को जानकारी दी कि एकनाथ शिंदे के विधायक ने ही मौक़े पर अपनी रिवॉल्वर से फायरिंग की थी। तब कहीं जाकर आरोपी विधायक सदा सरवणकर के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था। लेकिन सवाल अभी भी बना हुआ है कि जब पुलिस ने एक शिकायत मिलते ही ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था तो फिर आरोपी विधायक के खिलाफ आर्म्स एक्ट की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होते हुए भी उसे अब तक पुलिस ने क्यों गिरफ्तार नहीं किया है?
मुंबई पुलिस के ज़ोन 5 के डीसीपी प्रणय अशोक ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि विरोधी पक्ष की शिकायत पर विधायक सदा सरवणकर और दूसरे अन्य लोगों के ख़िलाफ़ आर्म्स एक्ट के अलावा रायटिंग की धारा में मामला दर्ज किया था। प्रणय अशोक का कहना है कि पुलिस ने सदा सरवणकर की रिवॉल्वर को रविवार को ही जब्त कर लिया था जिसके बाद रिवॉल्वर को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेज दिया है। अब फॉरेंसिक जाँच से ही पता लगेगा कि आरोपी विधायक ने रिवॉल्वर से कितने राउंड फायरिंग की थी। इसके अलावा पुलिस इलाक़े की सीसीटीवी फुटेज की भी जाँच कर रही है जहाँ पर यह घटना घटी थी। प्रणय अशोक का कहना है कि मामले की जाँच चल रही है, हालाँकि पुलिस ने आरोपी विधायक की गिरफ्तारी पर चुप्पी साध ली है।
जब से महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हुआ है तभी से एकनाथ शिंदे ग्रुप के कार्यकर्ता और ठाकरे गुट के कार्यकर्ता आमने-सामने हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र में अलग-अलग कई जगहों पर रैली कर चुके हैं और शिंदे के विधायकों पर गद्दारी का आरोप लगा चुके हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र के कई इलाक़ों में ठाकरे और शिंदे के समर्थकों ने कुछ दिन पहले एक-दूसरे के बैनर और पोस्टर भी फाड़ दिए थे इसके बाद माहौल गरम हो गया था। वहाँ पर भी पुलिस ने ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं पर मुक़दमा दर्ज कर लिया था जबकि शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
दरअसल, ये मामला सोशल मीडिया पर फैले एक मैसेज के ज़रिए बढ़ा था। शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने वाट्सऐप ग्रुप पर ठाकरे गुट को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद गणेश विसर्जन की रात को यह मामला बिगड़ गया और दोनों गुट के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। पुलिस ने मौक़े पर पहुँचकर समर्थकों के मध्य बीच-बचाव कराया और पुलिस ने 25 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया था। हालाँकि जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है वे सभी समर्थक ठाकरे गुट की शिवसेना से हैं। पुलिस की इसी कार्रवाई से नाराज़ शिवसेना के नेताओं ने पुलिस द्वारा की गई एकतरफ़ा कार्रवाई पर विरोध जताया था जिसके बाद शिंदे गुट के विधायक और उनके अन्य कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि अभी तक शिंदे ग्रुप की तरफ़ से पुलिस ने कोई भी गिरफ्तारी नहीं की है।
उद्धव ठाकरे गुट के विधायक और महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे का कहना है कि पुलिस ने भले ही विधायक सदा सरवणकर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक पुलिस ने न तो उनसे पूछताछ की है और न ही उनको गिरफ्तार किया है। अंबादास का कहना है कि पुलिस पहले तो आरोपी विधायक के खिलाफ मामला ही दर्ज नहीं कर रही थी लेकिन जब शिवसेना के सांसद और विधायकों ने दबाव डाला तब जाकर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया और अब जाँच में ढिलाई बरत रही है। अंबादास ने मुंबई पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि पुलिस को फौरन ही आरोपी विधायक को गिरफ्तार करना चाहिए।
वहीं एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावसकर का कहना है कि पुलिस ने मारपीट के बाद दोनों ही पक्षों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया था। किरण पावसकर ने उद्धव ठाकरे गुट पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस निष्पक्ष तरीके से काम नहीं करती तो फिर उनके विधायक के खिलाफ आर्म्स एक्ट की कड़ी धाराओं में मामला दर्ज नहीं होता। पुलिस अपना काम कर रही है और जो लोग पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं उनको पहले अपने गिरेबान में झांकना होगा।