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चंडीगढ़ एयरपोर्ट अब शहीद भगत सिंह के नाम से होगा: प्रधानमंत्री

चंडीगढ़ एयरपोर्ट अब शहीद भगत सिंह के नाम से होगा: प्रधानमंत्री

क्या जिन शहीद ए आजम भगत सिंह को केंद्र में रखकर आम आदमी पार्टी अपनी राजनीतिक करती रही है उसमें अब बीजेपी सेंध लगाने की कोशिश कर रही है? 

प्रधानमंत्री मोदी ने आज घोषणा की है कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नाम अब भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने इसकी घोषणा 'मन की बात' कार्यक्रम में की।

उनकी यह घोषणा तब की गई है जब बीजेपी की विरोधी आम आदमी पार्टी खुद को शहीद भगत सिंह की अनुयायी बताती है और उनके बताए क़दम पर चलने का आह्वान करती रही है। वह भगत सिंह के विचारों पर अपनी पार्टी को चलाने का वादा करती रही है। उत्तर भारत में युवाओं में शहीद भगत सिंह के प्रति ख़ूब आस्था है और वह युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। माना जाता है कि इसी वजह से आम आदमी पार्टी खुद को शहीद भगत सिंह की अनुयायी पार्टी बताती है। तो क्या बीजेपी को भी आम आदमी पार्टी की इस रणनीति का अब अहसास हो गया है? क्या इसी वजह से चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम अब बदलने की घोषणा की गई है?

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और पंजाब व हरियाणा की सरकारों के साझे उद्यम इस एयरपोर्ट का नाम भगत सिंह के नाम पर करने की काफ़ी पहले से मांग की जा रही थी। 2017 में इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा में हंगामा भी हुआ था क्योंकि विपक्ष ने आरोप लगाया था कि हरियाणा में बीजेपी सरकार स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के नाम पर इसका नाम नहीं रखना चाहती थी।

सीपीएम विधायक रीताब्रत बनर्जी ने तब कहा था कि चंडीगढ़ हवाई अड्डे के नामकरण पर विवाद हुआ है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बनर्जी ने कहा था, 'पंजाब सरकार ने सहमति व्यक्त की थी कि हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा, लेकिन हरियाणा सरकार, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने नकार दिया। वह मंगल सेन के नाम पर हवाई अड्डे का नाम रखना चाहते हैं।'

रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने भी यह आरोप मढ़ा था कि भाजपा इसका नाम पार्टी के हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मंगल सेन के नाम पर रखना चाहती है। हालाँकि, बीजेपी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा।

2017 के उस विवाद के पाँच साल बाद अब इसी बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी ने आज भगत सिंह के नाम पर एयरपोर्ट का नाम रखने की घोषणा की है।

वैसे, शहीद भगत सिंह के नाम को लेकर आम आदमी पार्टी काफी मुखर रही है। दिल्ली और पंजाब में आप की सरकार है और सरकारी दफ़्तरों में भगत सिंह की तसवीरें काफ़ी इस्तेमाल की जाती हैं। आम आदमी पार्टी जब प्रेस कॉन्फ़्रेंस करती है तो वहाँ भी भगत सिंह की तसवीर का इस्तेमाल करती है। पंजाब में भगवंत मान ने मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में कराया। खटकड़ कलां में सिर्फ पीला रंग ही दिखाई दिया। समारोह के पंडाल में सभी कुर्सियों पर पीला कवर चढ़ाया गया था और लोग पीली पगड़ियों में दिखाई दिए थे। 

बाद में भगवंत मान ने घोषणा की थी कि भगत सिंह की शहादत के दिन 23 मार्च को हर साल सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाएगा।

इसी साल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली के सैनिक स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा। केजरीवाल ने कहा था कि पिछले साल 20 दिसंबर 2021 को हमारी कैबिनेट ने यह फैसला लिया था कि हम दिल्ली में एक ऐसा स्कूल बनाएंगे, जहां पर बच्चों को फौज में जाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि उसी स्कूल का नाम ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ होगा।

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