प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में 9 जुलाई 2022 को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिंजे आबे को अपना प्रिय मित्र बताते हुए पीड़ा व्यक्त की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'श्री आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं।'
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'मैं मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे पर हमले से बहुत व्यथित हूँ।' पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ उनके, उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं।'
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को शुक्रवार को एक अभियान कार्यक्रम के दौरान गोली मार दी गई। इसमें दावा किया गया कि कथित तौर पर बंदूक से लैस एक व्यक्ति ने पीछे से उन पर गोली चलाई। जापानी मीडिया के मुताबिक मौके पर लगातार दो गोलियाँ चलने की आवाज़ सुनाई दी। आबे को तुरंत अस्पताल में ले जाया गया जहाँ उनकी हालत गंभीर थी। बाद में उनका निधन हो गया।
घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय हमलावर तेत्सुया यामागामी को गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ की जा रही है। हमलावर से मिली बंदूक को जब्त कर लिया गया है। मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
वीडियो में आबे एक ट्रेन स्टेशन के बाहर एक अभियान भाषण देते हुए नज़र आते हैं। उसी बीच सुरक्षा कर्मियों को एक व्यक्ति को पकड़ते देखा जा सकता है। एक तसवीर में आबे सड़क पर रेलिंग के पास लेटे हुए दिखते हैं। उनकी सफेद शर्ट पर खून लगा हुआ दिखता है।
अमेरिकी राजदूत रहम इमानुएल ने कहा है, 'आबे जापान के एक उत्कृष्ट नेता और संयुक्त राज्य अमेरिका के अटूट सहयोगी रहे हैं। अमेरिकी सरकार और अमेरिकी लोग आबे, उनके परिवार और जापान के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।'
ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने ट्वीट किया, 'जापान से चौंकाने वाली ख़बर है कि पूर्व पीएम शिंजो आबे को गोली मार दी गई है - इस समय हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं।'
ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा, 'मेरा मानना है कि हर कोई उतना ही हैरान और दुखी है जितना मैं हूं। ताइवान और जापान दोनों लोकतांत्रिक देश हैं जहां कानून का शासन है। अपनी सरकार की ओर से मैं हिंसक और अवैध कृत्यों की कड़ी निंदा करना चाहता हूं।'