देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से लड़ने के नुस्खे बताए। उन्होंने राज्यों से प्री-एंप्टिव यानी संक्रमण से पहले ही रोकने के उपाय करने, प्रो-एक्टिव यानी पहले से ही सक्रिय रहने और सामूहिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री मोदी कोरोना की स्थिति की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। काफी तेजी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट से बढ़ रहे संक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्थानीय नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना नियंत्रण की रणनीतियों को तैयार करते हुए अर्थव्यवस्था और आम लोगों की आजीविका की रक्षा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में प्रारंभिक संदेह धीरे-धीरे दूर हो रहा है। यह कहा जाता रहा है कि यह सामान्य आबादी को पिछले वाले की तुलना में कई गुना तेजी से संक्रमित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ टीकाकरण सबसे अच्छा उपाय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में लगभग 70 प्रतिशत वयस्क आबादी को दोनों खुराक मिल गई है।
यह बैठक ऐसे दिन हो रही है जब देश में 2.47 लाख से अधिक संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं। कहा जा रहा है कि देश भर में मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण बढ़े हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को ही अपने कैबिनेट सहयोगियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की थी। उस दिन नए कोरोना मामले 1.75 लाख थे। रविवार की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी शामिल थे।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार सुबह ही कहा है कि 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 2,47,417 नए मामले सामने आए हैं जो कल से 27.1% ज़्यादा हैं। कल कोरोना के 1,94,720 मामले सामने आए थे। हर दिन का पॉजिटिविटी रेट 13.11 फ़ीसदी जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10.80 फ़ीसदी हो गया है। एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 11,17,531 हो गई है। उधर, ओमिक्रॉन के मामलों का आंकड़ा बढ़कर 5,488 हो गया है।
कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सरकार फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्गों को प्रीकॉशन या बूस्टर डोज लगा रही है। इसके साथ ही 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को भी कोरोना का टीका लग रहा है।
कई विशेषज्ञों ने चेताया है कि आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं इसलिए जरूरी है कि केंद्र व तमाम राज्य सरकारें पहले से इंतजाम करके रखें जिससे कोरोना की दूसरी लहर जैसे हालात फिर से न बनें।