पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने बहुत बड़ा ख़ुलासा किया है। ख़ान ने कहा है कि पाकिस्तान में 40 आतंकवादी संगठन चल रहे थे लेकिन पाकिस्तान की पुरानी सरकारों ने अमेरिका से इसे 15 सालों तक छुपाए रखा। ख़ान के इस ख़ुलासे के बाद इतना तो तय हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को अपने देश में जगह देता रहा है।
इमरान ख़ान कांग्रेस की शीला जैकसन ली की ओर से वाशिंगटन में आयोजित कैपिटल हिल रिसेप्शन को संबोधित कर रहे थे। ली कांग्रेश्नल पाकिस्तान गुट की अध्यक्ष हैं। ली भारत और भारतीय अमेरिकियों के कांग्रेश्नल गुट की भी सदस्य हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम अमेरिका के साथ आतंकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ रहे थे। पाकिस्तान का 9/11 के हमले से कुछ लेना-देना नहीं है। अल-क़ायदा अफ़ग़ानिस्तान में था और पाकिस्तान में तालिबान का कोई आतंकवादी नहीं था। लेकिन फिर भी हमने अमेरिका की लड़ाई में शामिल होने का फ़ैसला किया।’ इमरान ने आगे कहा, ‘यह बदनसीबी रही कि, जब चीजें ग़लत होना शुरू हुईं, जिसके लिए मैं अपने देश की सरकारों को ज़िम्मेदार मानता हूँ लेकिन तब भी हमने अमेरिका को ज़मीनी हक़ीक़त के बारे में नहीं बताया।’
इमरान ने इस मौक़े पर कहा, ‘पाकिस्तान में 40 आतंकवादी समूह चल रहे थे। एक समय पाकिस्तान ऐसी स्थिति में पहुँच गया था जब हम यह सोचने लगे थे कि आख़िर हम कैसे इनसे निपटेंगे। जबकि अमेरिका हमसे आतंकवाद के ख़िलाफ़ चल रही लड़ाई को जीतने के लिए कुछ और ज़्यादा करने की उम्मीद कर रहा था। उस समय पाकिस्तान अपने वजूद को बचाने की लड़ाई लड़ रहा था।’ इमरान ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और अमेरिका के और दूसरे बड़े नेताओं से उनका मिलना बेहद ज़रूरी था।
इमरान ने कहा कि हमने अमेरिका से भविष्य के बारे में बात की है। हमने कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते आपसी सहमति के आधार पर होने चाहिए। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान शांति स्थापित करने के लिए जो कुछ कर सकता है, उसके बारे में हम पूरी ईमानदारी से अमेरिका को बताएँगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान को बातचीत की टेबल तक लाने की पूरी कोशिश कर रहा है और अब तक हमने इस दिशा में अच्छा काम किया है। इमरान ने कहा, लेकिन यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि यह सब आसान होगा क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान में हालत काफ़ी ख़राब हैं। लेकिन फिर भी हम पूरी कोशिश करेंगे।
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की पूरी सेना, सुरक्षा बल सभी उनके साथ खड़े हैं और जो अमेरिका चाहता है ठीक वही हम भी चाहते हैं। अफ़ग़ानिस्तान में जल्द से जल्द शांतिपूर्ण व्यवस्था कायम करना ही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते अब और बेहतर होंगे।