सऊदी अरब: राज-परिवार में जबरदस्त उथल-पुथल, तख्ता-पलट की तैयारी?

10:17 am Mar 09, 2020 | डॉ. वेद प्रताप वैदिक - सत्य हिन्दी

सऊदी अरब के राज-परिवार में जबरदस्त उथल-पुथल मची हुई है। बादशाह सलमान 84 साल के हो गए हैं। वह अस्वस्थ भी रहते हैं। राज-परिवार के कई शहजादों में बादशाहत की होड़ लगी हुई है। इस समय जिन्हें युवराज बना रखा है, वह हैं- बादशाह सलमान के बेटे मुहम्मद बिन सलमान! यह मुहम्मद वही हैं जो सारी दुनिया में दो साल पहले प्रसिद्ध पत्रकार जमाल खाशोग्गी की हत्या करवाने के लिए बदनाम हो गए थे। 

मुहम्मद काफी तेज-तर्रार युवराज हैं। उन्होंने सऊदी अरब के पुराने ढर्रे की कई रुढ़ियों को उलट-पुलट दिया है। उन्होंने अनेक प्रगतिशील कदम भी उठाए हैं, जिनसे कई पोंगापंथी मुल्ला-मौलवी नाराज हैं और राजमहल के अन्य कई शहजादे उनसे पिंड छुड़ाने के लिए कमर कसे हुए हैं। 

मुहम्मद ने राजमहल के तीन शहजादों और उनके समर्थक कई अफ़सरों को गिरफ्तार और नजरबंद कर लिया है। उन्हें आजन्म कारावास या मौत की सजा, दोनों में से कुछ भी मिल सकता है। हमें यह घटना औरंगजेब और दाराशिकोह की याद दिला रही है। मुहम्मद ने 2017 में अपने ताऊ के बेटे और युवराज मुहम्मद बिन नाएफ को एक तख्ता-पलट में उलट दिया था और खुद युवराज बन बैठे थे। 2016 में जब बिन नाएफ युवराज बने थे तो यही मुहम्मद बिन सलमान घुटने के बल बैठकर उनका हाथ चूमते हुए दिखाई पड़े थे। लेकिन जब मुहम्मद ने युवराज का पद हासिल कर लिया तो राज परिवार के कई तीसमारखां शहजादों को उन्होंने एक होटल में नजरबंद कर दिया। 

इन सब बाग़ी शहजादों पर आरोप है कि वे मुल्ला-मौलवियों और कबाइलियों से मिलकर सऊदी अरब के राज सिंहासन पर कब्जा करना चाहते हैं। यह भी आरोप है कि इस काम के लिए उन्होंने कई विदेशी शक्तियों से भी संपर्क बना रखा था। ऐसा माना जा रहा है कि इन सबके ख़िलाफ़ यह सारी कार्रवाई बादशाह सलमान की जानकारी और सहमति से हो रही है। इस कार्रवाई से युवराज मुहम्मद बिन सलमान ने राजगद्दी पर अपना शिकंजा काफी मजबूत कर लिया है। 

इस समय कोरोना वायरस की वजह से तेल की कीमतें गिर रही हैं और मक्का-मदीना की तीर्थ-यात्रा (उमरा) भी स्थगित कर दी गई है। शायद हज-यात्रा भी स्थगित हो जाए। सऊदी अरब के लिए इस तरह एक बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। युवराज मुहम्मद बिन सलमान की महत्वाकांक्षा है कि 2030 तक वह ऐसा माहौल बना दें कि सऊदी अरब तेल के बजाय तीन करोड़ तीर्थ-यात्रियों से होने वाली आमदनी से अपनी अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाए।

(डॉ. वेद प्रताप वैदिक के ब्लॉग www.drvaidik.in से साभार)