राजू भाई आपने खुद को दुनिया से डिलीट कर दिया लेकिन मैं आपकी यादों को कैसे डिलीट करूँ, आपका फ़ोन नंबर कैसे डिलीट करूँ। याद है राजू भाई हार्ट अटैक के ठीक एक दिन पहले आपने कहा था कि इस बार मुंबई में आपकी कार से मोहल्ले मोहल्ले रंगबाजी की जायेगी।
राजू भाई आपको दुनिया ने बाद में जाना। मुंबई ने बाद में पहचाना। हम तो तब के दोस्त हैं जब दोनों स्कूटर पर साथ घूमा करते थे।
हमने देश के कई शहरों में साथ-साथ बहुत प्रोग्राम किये। आप कॉमेडी करते थे और मैं गाना गाता था। मेरे घर से कुछ दूर ही तो था आपका घर। याद है जब आपने पहला प्रोग्राम दिया था तब आपने 'अपनी तो जैसे तैसे, थोड़ी ऐसे या वैसे कट जायेगी' पर डांस किया था। आपने डॉन फ़िल्म का डायलॉग मारा था 'अरे इन कारे कारे नैनन से तू घूर न हमका ऐ गोरी'।
जानते हैं राजू भाई, सबसे बड़ा दुख इस बात का है कि हार्ट अटैक के एक दिन पहले क़रीब डेढ़ घंटे तक हमने ज़िंदगी की यादों का रिवीज़न किया था ताकि कुछ भूल न जायें, आपने उसी दिन कहा था कि मेरा गाना और बात करने का अंदाज देखकर आपने बहुत पहले कह दिया था कि मैं भी तरक़्क़ी करूँगा।
तरक़्क़ी दर तरक़्क़ी हम साथ रहे। लेकिन आपने ये ठीक नहीं किया राजू भाई। हँसाते हँसाते किसी को रुलाना ठीक नहीं है राजू भाई। बहुत याद आओगे आप राजू भाई। ठीक है जाना चाहते हो तो जाओ राजू भाई पर एक शर्त पर कि अगले जन्म फिर कानपुर में मिलेंगे, गायेंगे हँसायेंगे और साथ-साथ मुंबई तक जायेंगे। जाओ राजू भाई जाओ पर जल्दी आना, फिर हँसना, फिर हँसाना।
(मनोज राजन त्रिपाठी की फ़ेसबुक वाल से साभार)