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नूपुर विवाद: मुंबई पुलिस ने नूपुर शर्मा को भेजा समन

नूपुर विवाद: मुंबई पुलिस ने नूपुर शर्मा को भेजा समन

अपनी टिप्पणी को लेकर आने वाले दिनों में नूपुर शर्मा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों के कारण बीजेपी और केंद्र सरकार भी घिर गई है। 

पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर मुंबई पुलिस ने बीजेपी की नेता नूपुर शर्मा को समन भेजा है। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को यह समन भेजा है और नूपुर शर्मा से 22 जून को उनका बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा है।

मुंबई पुलिस ने 28 मई को नूपुर शर्मा के खिलाफ पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर मुस्लिम संगठन रजा एकेडमी के पदाधिकारी इरफान शेख की शिकायत पर दर्ज की गई थी। 

शिकायत में कहा गया था कि नूपुर शर्मा ने एक टेलीविजन चैनल पर चल रही डिबेट के दौरान पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था जबकि दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रभारी रहे नवीन जिंदल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

विवाद बढ़ने के बाद नूपुर शर्मा ने सफाई दी थी और कहा था कि अगर उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वह अपने शब्दों को वापस लेती हैं।

उधर, नूपुर शर्मा ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी कि उन्हें और उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा दी है। 

 - Satya Hindi

मिल रहा समर्थन 

बीजेपी के द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद से ही नवीन जिंदल और नूपुर शर्मा को सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों का अच्छा-खासा समर्थन मिला है। उनके समर्थकों का कहना है कि कि भले ही बीजेपी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है लेकिन वे लोग उनके साथ खड़े हैं। 

दुनिया के कई इस्लामिक देशों ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी की आलोचना की है और ऐसे देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

कई देशों ने किया विरोध 

बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों के खिलाफ विरोध करने वाले देशों में ईरान, इराक़, क़ुवैत, क़तर, सऊदी अरब, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लीबिया और इंडोनेशिया शामिल हैं। इन देशों ने बीजेपी नेताओं के बयानों को पैगंबर मोहम्मद साहब का अपमान बताया है।

क़तर की तरह ही क़ुवैत ने भी भारत के राजदूत को बुलाया था और कहा था कि इन बयानों के लिए भारत सरकार की ओर से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जानी चाहिए और इनकी निंदा भी की जानी चाहिए। 

इसके बाद भारत की ओर से कहा गया कि यह विचार शरारती तत्वों के हैं। 

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