नूंह हिंसा के बाद गुड़गांव में भी व्यापक हिंसा हुई थी। गुड़गांव में एक धर्म स्थल को आग लगा दी गई और उसमें मौजूद एक धर्मगुरु की हत्या कर दी गई। गुड़गांव शहर के बीचों बीच हुई इस घटना से लोग अभी सहमे हुए हैं। गुड़गांव में व्यावसायिक गतिविधियां धीमा हो गई हैं। इसी दौरान पुलिस ने धर्मस्थल की घटना के संबंध में तिगरा गांव से चार युवकों को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के विरोध में हिन्दू समाज ने आज तिगरा में महापंचायत बुलाई है। हालांकि प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है लेकिन आयोजकों ने जबरन महापंचायत शुरू कर दी है। पुलिस और प्रशासन ने अभी तक इस महापंचायत को रोका नहीं है। आएएफ के जवानों को तिगहर में तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि वो कानून व्यवस्था बनाए रखेगी।
ताजा सूचना यह है कि महापंचायत शुरू हो गई है। तमाम लोग वहां के वीडियो डाल रहे हैं। नूंह हिंसा में समुदाय के आरोपियों की कथित गिरफ्तारी के खिलाफ समर्थन मांगने के लिए हिंदू समाज की इस महापंचायत में करीब 2000 लोगों के मौजूद होने का दावा किया गया है। वीएचपी नेता सुरेंद्र तंवर 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा का विवरण बता रहे हैं। ऊपर का वीडियो देखिए।
सूत्रों का कहना है कि नूंह में सरकार की कार्रवाई समुदाय विशेष के खिलाफ हो रही है। लेकिन दूसरे संगठन सरकार पर और दबाव बनाने के लिए ऐसी पंचायतें कर रहे हैं। हालांकि गुड़गांव में हिन्दू समाज का ऐलान वीएचपी और बजरंग दल की ओर से नहीं किया गया था लेकिन अब जब महापंतायत जबरन शुरू हो गई तो महापंचायत में वीएचपी और बजरंग दल के नेताओं की मौजूदगी देखी जा रही है। ये दोनों संगठन आरएसएस से जुड़े हुए हैं।
गुड़गांव में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है और वो तिगहर के आसपास लोगों की तलाशी भी ले रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई और एएनआई ने तिगरा के वीडियो जारी किए हैं, जिसमें सिर्फ पुलिस की हलचल दिखाई दे रही है।
डीएलएफ के एसीपी विकास कौशिक ने कहा - पिछले 2-3 दिनों से गुड़गांव में शांति है। किसी घटना की सूचना नहीं मिली है। हमें लगता है कि आज की पंचायत शांतिपूर्वक संपन्न होगी। हमने सभी पक्षों से बातचीत की है. उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि पंचायत शांतिपूर्वक होगी...। पंचायत में 500-1000 लोगों के आने की उम्मीद है...। लेकिन पुलिस इस बात पर चुप है कि धारा 144 लागू होने के बावजूद महापंचायत कैसे हो सकती है।