दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को साम्प्रदायिक हिंसा के बाद पुलिस ने रविवार को अमन कमेटी की बैठक आयोजित की। हालांकि अमन कमेटी की बैठक संवेदनशील धार्मिक कार्यक्रमों से पहले आयोजित की जाती है ताकि इलाके में अमन-चैन कायम रहे। जहांगीरपुरी की हिंसा को लेकर पुलिस के रवैए पर अब सवाल उठना शुरू हो गए हैं। इलाके के बीजेपी सांसद हंसराज हंस ने हिंसा की घटनाओं को इंटरनैशनल साजिश बताया है।डीसीपी नॉर्थ-वेस्ट उषा रंगनानी ने बताया कि शांति व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस ने रविवार को जहांगीरपुरी, महेंद्र पार्क और आदर्श नगर इलाकों में अमन समितियों के सदस्यों के साथ बैठक की। यह बैठक जहांगीरपुरी क्षेत्र के कुशल चौक पर हुई।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने रविवार को कहा कि घटना की जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।शनिवार को हनुमान जयंती रैली के दौरान तलवारों और बंदूक लहराते हुए वीडियो के बारे में पूछे जाने पर, पुलिस अधिकारी दीपेंद्र पाठक ने कहा, हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं। जांच जारी है। फॉलोअप एक्शन लिया जाएगा।उनसे यह भी पूछा गया कि अब तक सिर्फ एक समुदाय के लोगों को ही क्यों गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, यह एक बहुत ही प्रारंभिक चरण है और आगे और कार्रवाई होगी।
इस बीच, एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में पुलिस एफआईआर के हवाले से बताया गया है कि रैली एक मस्जिद के पास से गुजर रही थी, तभी गिरफ्तार आरोपियों में से एक अंसार ने रैली में भाग लेने वालों के साथ कथित तौर पर बहस करना शुरू कर दिया। एफआईआर में कहा गया है कि विवाद जल्द ही बढ़ गया और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया।
अंसार कौन है
पुलिस जिस अंसार को कथित मुस्लिम नेता बता रही है, वो खुद पुलिस के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर है। एफआईआर में अंसार को ही जहांगीरपुरी की घटना का फिलहाल मुख्य आरोपी बनाया गया है। जबकि दिल्ली पुलिस के अनुसार, वह पहले मारपीट के दो मामलों और जुए के कई मामलों में शामिल था।पुलिस आज जब आरोपियों को मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी, उनके परिवार के सदस्यों ने रविवार को जहांगीरपुरी थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस के तमाम तथ्यों को लोकल लोग खारिज कर रहे हैं। उनके पास वीडियो हैं, जो अलग ही कहानी बता रहे हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय निवासी नूरजहां ने कहा कि यह पहली बार है जब इलाके में किसी हिंदू धार्मिक रैली में हथियार लहराए गए। उसने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि हिंसा मस्जिद से शुरू हुई थी।
रैली में भाग लेने वालों में से एक राकेश ने कहा कि जब पथराव शुरू हुआ तो वे शांति से आगे बढ़ रहे थे और उन्होंने जवाबी कार्रवाई की।
बहरहाल, अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। संघर्ष के दौरान गोली चलाने का आरोपी उनमें से एक नाबालिग है, उसके परिवार ने रविवार को दावा किया। पुलिस की एफआईआर के अनुसार, हालांकि, वह 22 साल का है। परिवार ने पुलिस और मीडिया को उस लड़के के प्रमाणपत्र भी दिखाए। पुलिस कह रही है कि वो अपनी एफआईआर के मुताबिक चलेगी।
घटना में कई पुलिस वालों के घायल होने की बात कही जा रही है। एक सब इंस्पेक्टर मेधालाल मीणा के हाथ में गोली लगी है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। शेष किसी पुलिस वाले का नाम मीडिया को नहीं बताया गया है। असलम नामक युवक से देसी तमंचा बरामद करने का दावा पुलिस ने किया है।