टावरों की धूल ने पक्षियों पर भारी असर डालाः विशेषज्ञ
नोएडा में ट्विन टावरों को गिराने से भले ही दिल्ली की एयर क्वालिटी नहीं बिगड़ी हो, लेकिन पक्षियों पर इसका खासा असर पड़ा है। कई पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पक्षियों की मौत जरूर हुई होगी।
Supertech twin towers in Noida being demolished a year after Supreme Court's direction to raze the illegally built structures (Video by Rajesh Mahapatra) pic.twitter.com/OgTYn1NVXF
— Press Trust of India (@PTI_News) August 28, 2022
पीटीआई के एक वीडियो में कौवे और कबूतरों सहित पक्षियों के झुंड को उड़ते हुए दिखाया गया है, जैसे ही 3,700 किलो विस्फोटक ने दोनों टावरों को उड़ाया, धूल के बादल उन पक्षियों का पीछा करते दिखे। पर्यावरणवादियों ने कहा कि विध्वंस में कुछ पक्षियों की मौत भी हो सकती है।
हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स के संस्थापक संजय महापात्रा ने कहा कि एनजीओ ने अधिकारियों से क्षेत्र में बड़ी संख्या में पक्षियों को बचाने के लिए अंतिम विस्फोट से पहले एक डमी विस्फोट या डमी गोलीबारी करने का अनुरोध किया था। ताकि पक्षी अलर्ट होकर वहां से उड़ जाएं। कई पक्षी मारे गए होंगे। हम 8 अगस्त से क्षेत्र में जानवरों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। हम पक्षियों को पिंजरे में नहीं रख सकते हैं और इसलिए झूठी फायरिंग के लिए अनुरोध किया गया था। हम पहले से ही विध्वंस स्थल पर हैं और क्षेत्र की अच्छी तरह से जांच कर रहे हैं। हम केवल यह आशा कर सकते हैं कि किसी पक्षी ने बेगुनाह जीवन नहीं खोया हो।
वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, कई लोगों ने ट्विटर पर पक्षियों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की। एक ट्विटर यूजर ने कहा, मैं उन पक्षियों को देख रहा हूं जिनका धूल के बादलों में दम घुट गया होगा। मुझे यकीन है कि विध्वंस से पहले किसी ने उन्हें डराने के बारे में नहीं सोचा।
एक अन्य ट्विटर यूजर फहद ने कहा कि अधिकारी पक्षियों को डराने के लिए पटाखे फोड़ सकते थे। दिवाकर मिश्रा ने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि इन पक्षियों का क्या दोष था।
एक अन्य यूजर ने कहा,पक्षियों सहित सभी के लिए यह कितना डरावना रहा होगा"
9 सेकंड में 100 मीटर ऊंचे सुपरटेक ट्विन टावर मलबे के एक बड़े ढेर में बदल गए। जैसे-जैसे टावर नीचे गिरते गए, धूल के बादल ने पूरे इलाके में सब कुछ धुंधला कर दिया।
यह देश का सबसे बड़ा डिमोलीशन था। जिसमें एपेक्स (32 मंजिला) और सेयेन (29 मंजिला) सेकंड में धूल में मिल गए। एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के करीब 5,000 लोग विध्वंस से कुछ घंटे पहले अपने घर छोड़ चुके थे। अगले कई घंटों के लिए लगभग 3,000 वाहनों और लगभग 200 पालतू जानवरों को भी बाहर निकाला गया।