बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम मीडिया में सूत्रों के हवाले से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उछला। नीतीश कुमार ने इतना कहकर इस ख़बर को एक तरह से खारिज कर दिया कि हमको इस सब बार में कोई आईडिया नहीं है। लेकिन इस ख़बर पर विरोधी दलों से जो प्रतिक्रिया आ रही है वह अलग तसवीर पेश करती है। विपक्षी दलों के नेता नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद के योग्य मानते हैं।
कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष समीर सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के योग्य हैं। आरजेडी के एक नेता ने भी ऐसा ही कुछ कहा है कि बिहार के होने के नाते वह राष्ट्रपति बनें, ऐसी उनकी कामना है। हम पार्टी ने भी कुछ ऐसी ही बात कही है।
विपक्षी दलों के नेताओं के ऐसे बयान तब आए हैं जब नीतीश कुमार हाल में कुछ वजहों से सुर्खियों में रहे हैं। नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच मुलाक़ात हुई है। विपक्ष बिहार में फरवरी तक नीतीश कुमार के सरकार से अलग होने का भी दावा कर रहा है। तो आख़िर इन रिपोर्टों में सचाई क्या है?
इस सवाल का जवाब तो नीतीश कुमार जानते होंगे, लेकिन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया अलग है। कांग्रेस नेता समीर सिंह ने कहा है कि बिहार का कोई नेता देश का राष्ट्रपति बनता है तो यह गौरव की बात होगी। उन्होंने कहा, 'बिहारी होने के नाते हम स्वागत करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रपति पद के लिए योग्य हैं।' हालाँकि उन्होंने यह भी कहा है कि अगर वह राष्ट्रपति के उम्मीदवार बनें तो समर्थन का फ़ैसला राहुल गांधी ही करेंगे।
कुछ ऐसी ही बात आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कही है। उन्होंने कहा है, 'बिहारी होने के नाते वे राष्ट्रपति बनें मेरी शुभकामना है।' लेकिन इसके साथ ही वह कहते हैं कि नीतीश कुमार के लिए हवा बनाई जा रही है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'जल्द ही बीजेपी उनको मुख्यमंत्री पद से बेदखल करेगी। इसलिए यह हवा है। बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को जनता ने ही तीसरे नंबर पर पहुँचा दिया। नीतीश कुमार आमजन की विश्वसनीयता खो चुके हैं।' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'कई बार नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी का मजाक उड़ाया है, इसलिए बीजेपी कभी राष्ट्रपति नहीं बनने देगी।'
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी कहा कि नीतीश कुमार राष्ट्रपति समेत सभी उच्च पदों के लिए योग्य हैं।
नीतीश कुमार की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। कोई सूत्रों के हवाले से ख़बर दे रहा है कि वह उम्मीदवार हो सकते हैं तो कोई कह रहा है कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी को ख़त्म करने जैसा फ़ैसला क्यों लेंगे।
अजीत दत्ता नाम के यूज़र ने लिखा है कि जो कुछ भी खेल चल रहा हो, लेकिन नीतीश कुमार तो अगले राष्ट्रपति नहीं ही होंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की दिल्ली में हाल ही मुलाक़ात हुई है। इस मुलाक़ात के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जनता दरबार के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर से मुलाक़ात को लेकर कहा कि हम मिले हैं लेकिन ये मुलाकात व्यक्तिगत थी। हालाँकि उन्होंने कहा कि इन सब का कोई राजनीतिक मतलब नहीं है।