ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी की भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर की गई अर्जी को खारिज कर दिया है। माना जा रहा है कि अब नीरव मोदी के सभी कानूनी रास्ते बंद हो गए हैं और उसे भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। पिछले महीने ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने भी भारत में प्रत्यर्पण किए जाने के खिलाफ दायर की गई उसकी याचिका को खारिज कर दिया था।
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, नीरव मोदी के वकीलों ने अदालत के सामने दलील दी थी कि अगर उनके मुवक्किल का प्रत्यर्पण किया जाता है तो वह आत्महत्या का क़दम उठा सकते हैं। लेकिन अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया।
नीरव मोदी को भारत लाए जाने के बाद उसके खिलाफ मुक़दमा चलेगा।
नीरव मोदी के वकीलों ने ब्रिटेन की हाई कोर्ट के सामने ऐसा ही तर्क दिया था कि वह डिप्रेशन में है और आत्महत्या कर सकता है और अगर उसे भारत भेजा जाता है तो उसके साथ कुछ गलत हो सकता है क्योंकि भारत में नेताओं ने उसे बदनाम किया हुआ है। लेकिन हाई कोर्ट ने भी उसके वकीलों की दलील को खारिज कर दिया था।
पीएनबी में हुए 13 हज़ार करोड़ के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी देश छोड़कर भाग गए थे। बाद में नीरव मोदी लंदन चला गया था।
नीरव मोदी को मार्च, 2019 में लंदन में गिरफ़्तार किया गया था और तब से उसे भारत लाने की कोशिशें चल रही हैं। पीएनबी मामले में नीरव मोदी के ख़िलाफ़ सीबीआई और ईडी दोनों ही जांच कर रही हैं।
उस पर सुबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को धमकाने के भी मुक़दमे दर्ज हैं।
बीते साल ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी देकर इस मामले को वहां के गृह सचिव के पास भेज दिया था। गृह सचिव ने भी इसे हरी झंडी दे दी थी।
फरवरी, 2019 में 'द टेलीग्राफ़' अख़बार ने नीरव मोदी को ढूंढ निकाला था। अख़बार का कहना था कि ब्रिटेन के वर्क एंड पेंशन विभाग ने नीरव मोदी को नया बीमा नंबर दिया है, इसका मतलब यह है कि वह ब्रिटेन में रह सकता है और कारोबार भी कर सकता है।
पीएनबी घोटाले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले मेहुल चौकसी ने एंटिगा की नागरिकता ले ली है। मेहुल चौकसी का प्रत्यर्पण होना मुश्किल है क्योंकि एंटिगा के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।