कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी को दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने आज यह आदेश दिया कि कांग्रेस से जुड़े नैशनल हेरल्ड के प्रकाशक दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय को खाली करें।
नैशनल हेरल्ड के प्रकाशकों ने केंद्र सरकार के उस फ़ैसले को अदालत में चुनौती दी थी जिसमें उनकी 56 साल पुरानी लीज रद्द कर जगह खाली करने का आदेश दिया था। अब नैशनल हेरल्ड के प्रकाशकों को 2 हफ़्ते के अंदर आईटीओ स्थित इमारत खाली करनी होगी।
नैशनल हेरल्ड से जुड़े मामले में सोनिया और राहुल गाँधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में बीजेपी से सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि कौड़ियों के दाम में 90 करोड़ की प्रॉपर्टी को हथिया लिया गया।
स्वामी ने अपनी शिकायत में कहा था कि सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सुनील गौर ने सरकार के 30 अक्टूबर के नोटिस के ख़िलाफ़ एजेएल की याचिका पर 22 नवंबर को अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले 9 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के ख़िलाफ़ सोनिया और राहुल की याचिका खारिज कर दी थी।