महाविकास अघाड़ी (MVA) की बैठक आज रविवार शाम को एकजुटता प्रदर्शित करने और आपस में कोई मतभेद न होने का मंच बन गई। हाल ही में कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच बयानबाजी होने के बाद एमवीए के बिखरने का संदेश जा रहा था। लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के अगले ही दिन यानी आज एनसीपी प्रमुख ने यह बैठक बुला ली। बैठक के बाद तीनों दलों (कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी) ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि हम शीघ्र ही पूरे महाराष्ट्र में रैलियां करेंगे। ऐसी पहली रैली पुणे में होगी।
एमवीए गठबंधन के शीर्ष नेता इस बैठक में मौजूद थे। जिसमें शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, संजय राउत, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, विपक्ष के नेता अजीत पवार, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट, पूर्व सीएम अशोक चव्हाण, एनसीपी के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप, एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड और सुनील तटकरे प्रमुख हैं।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को तीनों ही दलों के नेताओं ने संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि महाविकास अघाड़ी जल्द ही पूरे महाराष्ट्र में महासभा (रैलियां) आयोजित करेगा...हम महाराष्ट्र में कांग्रेस की कर्नाटक जीत को दोहराएंगे।
शिवसेना यूबीटी की ओर से संजय राउत ने साफ शब्दों में कहा कि एमवीए में आंतरिक रूप से कोई गलतफहमी नहीं है और न कोई मतभेद है। हम एकजुट हैं। अगर कर्नाटक में 40% भ्रष्टाचार था, तो महाराष्ट्र में 100% भ्रष्टाचार है। महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार भ्रष्ट है और यह हार जाएगी। 2024 में इनका नाम लेने वाला कोई नहीं होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा - कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को चुना। इससे पता चलता है कि वे पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ हैं। महाराष्ट्र में भी भ्रष्ट सरकार है, इसलिए आने वाले चुनाव में महाराष्ट्र भी जीतेंगे। पटोले ने कहा कि हमारी पहली रैली पुणे में होगी और उसमें कर्नाटक के चीफ मिनिस्टर हिस्सा लेंगे।
हालांकि शरद पवार ने बैठक बुलाते हुए एजेंडा नहीं बताया था लेकिन मकसद साफ था कि एकजुटता दिखाना है। कहीं कोई मतभेद नहीं है। शिवसेना मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कर्नाटक के नतीजों के बाद शरद पवार की राजनीति बदलती दिख रही है। आज की एमवीए बैठक उसी का संकेत है। पवार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि एमवीए मतभेदों को भुलाकर नए सिरे से शुरुआत करेगा।
हालांकि एमवीए नेताओं ने इससे पहले भी राज्यभर में कई रैलियों को संबोधित किया था। लेकिन बीच में ऐसी रैलियां बंद हो गई थीं। क्योंकि कई नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों के कारण गठबंधन के भीतर मतभेद सार्वजनिक रूप से सामने आने लगे तो रैलियां भी रुक गईं। अजीत पवार की वजह से एनसीपी में विभाजन की अटकलों ने भी त्रिपक्षीय गठबंधन एमवीए की रफ्तार को धीमा कर दिया था।
ंसमस्याए तब भी पैदा हुईं जब उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के कई नेताओं का अपनी पार्टी में स्वागत किया, जिससे राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले नाराज हो गए। लेकिन एमवीए गठबंधन की पार्टियां अब उन मुद्दों को अतीत में दफनाने और कांग्रेस के साथ नए सिरे से शुरूआत करने की कोशिश करेंगे। कर्नाटक जीतने की वजह से कांग्रेस का रुतबा बढ़ गया है और आज एमवीए की मीटिंग यही बता रही है।