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महाराष्ट्र सरकार करेगी पिछली बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच

महाराष्ट्र सरकार करेगी पिछली बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों की जाँच

महाराष्ट्र में बीजेपी और महा विकास अघाडी गठबंधन सरकार के बीच तनातनी अब और बढ़ सकती है। जानिए, ठाकरे सरकार के मंत्री ने क्या कहा है।

बीजेपी और महा विकास अघाडी सरकार के बीच पहले के मामले शांत भी नहीं हुए हैं कि अब एक नया मुद्दा सामने आ गया है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि पहले की बीजेपी सरकार में कथित भ्रष्टाचार के मामले की जाँच के लिए एक समिति गठित की जाएगी।

पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के मुखिया देवेंद्र फडणवीस थे। उस सरकार में शिवसेना भी गठबंधन में शामिल थी। लेकिन चुनाव बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली। आरोप लगाया जाता है कि महाराष्ट्र में जब बीजेपी की सरकार नहीं बन सकी तो राज्य में अजित पवार, अनिल देशमुख जैसे कई नेता केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर आ गए। बाद में उद्धव सरकार ने भी इसका जवाब दिया। यह टकराव तब साफ़ दिखने लगा जब नवाब मलिक ने कॉर्डेलिया क्रूज मामले को लेकर कई खुलासे किए।

यह टकराव अभी भी जारी है और फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी मौजूदा उद्धव ठाकरे सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले हुए है। महा विकास अघाडी गठबंधन भी इसका जवाब दे रहा है।

बहरहाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने सोमवार को विधान परिषद को बताया कि महाराष्ट्र सरकार पूर्ववर्ती बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू की गई 'प्रज्वला' योजना के कार्यान्वयन में धन के कथित दुरुपयोग की जाँच के लिए एक समिति का गठन करेगी। प्रज्वला योजना 2019 में तत्कालीन सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के बीच क़ानूनी मामलों, सामाजिक और वित्तीय ज्ञान के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यह योजना महाराष्ट्र महिला आयोग द्वारा लागू की गई थी।

शिवसेना विधायक मनीषा कायंडे द्वारा उठाए गए ध्यान का जवाब देते हुए यशोमती ठाकुर ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार एक जाँच समिति का गठन करेगी जो प्रज्वला योजना के तहत राज्य के धन के कथित दुरुपयोग और गलत उपयोग की जांच करेगी। राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष को भी जांच आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा जाएगा।' एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी नेता विजया राहतकर 2014-19 के दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष थीं।

कायंडे ने विधान परिषद को बताया कि राज्य महिला आयोग के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किए गए बिल हाथ से लिखे गए हैं न कि सही फॉर्मेट में हैं। उन्होंने कहा, 'प्रस्तुत बिल उचित प्रारूप में नहीं थे जो दिशानिर्देशों के अनुसार ज़रूरी है। इस योजना को सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में लागू किया जाना था, लेकिन इसे चुनिंदा 98 विधानसभा क्षेत्रों में लागू किया गया था।'

शिवसेना नेता कायंडे ने आरोप लगाया कि विधानसभा क्षेत्रों का चयन इस तरह किया गया था कि इस योजना से सिर्फ बीजेपी को फायदा हो।

बता दें कि महाराष्ट्र बीजेपी और महा विकास अघाडी के नेताओं के बीच टकराव तब से बढ़ा है जब कॉर्डेलिया क्रूज मामला सामने आया। इसमें एनसीबी के तत्कालीन ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े तो लपेटे में आए ही, बीजेपी नेता भी निशाने पर आ गए। नवाब मलिक ने क्रूज ड्रग्स केस में बीजेपी नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसी कड़ी में महाराष्ट्र बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड के लोगों से ज़मीन ख़रीदने और बिक्री का आरोप लगाया था।

इन आरोपों के बाद नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में जाली नोटों का कारोबार कर रहे थे और उनके ही संरक्षण में पाकिस्तान और बांग्लादेश तक यह कारोबार हो रहा था। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि खुद फडणवीस ने अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाले लोगों को राजनीतिक पद दिए।

हालाँकि कुछ समय बाद तो ईडी ने डी कंपनी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता नवाब मलिक को गिरफ़्तार कर लिया है।

लेकिन उसी दिन मलिक की गिरफ़्तारी से पहले उनसे पूछताछ को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी को चेताया था। शिवसेना नेता संजय राउत ने बिना किसी का नाम लिए कहा था कि 2024 के बाद आपकी भी जाँच होगी, यह याद रखना। उनका इशारा बीजेपी नेताओं की तरफ़ था। शिवसेना और दूसरे विपक्षी दलों के नेता मोदी सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ करती रही है। 

पत्रकारों से उन्होंने कहा था, 'नवाब मलिक एक वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री हैं। ईडी जिस तरह से उन्हें उनके घर से ले गई, वह महाराष्ट्र सरकार के लिए एक चुनौती है। हमारे राज्य में आकर एक मंत्री को केंद्रीय एजेंसियाँ ​​ले जाती हैं। 2024 के बाद आपकी भी जाँच होगी। इस बात का ध्यान रखें।' 

अब तक एक दूसरे के ख़िलाफ़ कई ऐसी कार्रवाई हो चुकी हैं। फडणवीस ने हाल ही में महाराष्ट्र वक्फ़ बोर्ड के मेंबर डॉ मुदस्सिर लांबे और डी कंपनी के गुर्गे अरशद खान के बीच बातचीत का एक ऑडियो विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था जिसमें लांबे गुर्गे अरशद खान से लेनदेन को लेकर बातचीत कर रहा है। संजय राउत ने पहले कहा था कि केंद्रीय एजेंसियों से दबाव बनाया जा रहा है। इस बीच फडणवीस के करीबी नेता प्रवीण दरेकर पर एफआईआर दर्ज की गई। केंद्रीय मंत्री राणे के विधायक पुत्र पर एफ़आईआर दर्ज की गई। एक-दूसरे के ख़िलाफ़ कार्रवाई लगातार जारी है।

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