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MCD में मुस्लिम फैक्टरः कांग्रेस 7 सीटें जीतकर AAP पर भारी पड़ी

MCD में मुस्लिम फैक्टरः कांग्रेस 7 सीटें जीतकर AAP पर भारी पड़ी

एमसीडी चुनाव 2022 में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा मुस्लिमों को टिकट दिए थे। हालांकि एमसीडी में उसका प्रदर्शन अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है लेकिन उसकी 9 सीटों की जीत में 7 पर मुस्लिम प्रत्याशी जीते हैं। आम आदमी पार्टी के मुकाबले मुस्लिम इलाकों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। जानिए पूरा ब्यौराः

एमसीडी चुनाव में बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रदर्शन पर नजर डालना जरूरी है, क्योंकि तीनों ही पार्टियों ने विभिन्न वॉर्डों से मुस्लिम प्रत्याशियों को वहां के मुस्लिम वोटों के समीकरण के हिसाब से उतारा था। कांग्रेस ने 24 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे तो आम आदमी पार्टी ने 12 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। बीजेपी ने 4 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। 

इसमें सबसे खराब प्रदर्शन बीजेपी का रहा है। बीजेपी ने चार मुस्लिमों को टिकट दिया था लेकिन चारों को पराजय का सामना करना पड़ा है। बीजेपी ने चांदनी महल वॉर्ड से इरफान मलिक, चौहान बांगर वॉर्ड से सबा गाजी, मुस्तफाबाद से शबनम मलिक और कुरैश नगर समीना राजा को टिकट दिया था। लेकिन इनमें से कोई जीत नहीं सका। हालांकि मुस्तफाबाद से शबनम मलिक ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वो जीत नहीं सकीं। 

आम आदमी पार्टी के मुस्लिम प्रत्याशियों ने बल्लीमारान, बाजार सीताराम, चांदनी महल, दरियागंज, जामा मसजिद और कुरैश नगर वॉर्ड से जीत दर्ज की है। लेकिन महत्वपूर्ण सीटों से आप के मुस्लिम प्रत्याशी हार गए। इनमें भी चांदनी महल से जीते आले इकबाल की व्यक्तिगत जीत है। क्योंकि यह सीट परंपरागत रूप से शोएब इकबाल की सीट है। वहां से उन्हीं के परिवार को कोई न कोई किसी भी पार्टी से चुनाव लड़कर जीत जाता है। वहां पार्टी के बजाय शोएब इकबाल को वोट मिलता है। इस तरह देखा जाए तो आप के मुस्लिम प्रत्याशियों का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा। 12 में से सिर्फ 6 ही जीत पाए।  

कांग्रेस एमसीडी चुनाव में 9 सीटों पर जीती है। लेकिन इनमें 7 मुस्लिम पार्षद हैं, जिन्होंने 7 वॉर्डों में जीत हासिल की है और इस बार एमसीडी में सबसे ज्यादा मुस्लिम पार्षद कांग्रेस के ही होंगे। कांग्रेस पार्षदों ने अबुल फजल एन्क्लेव, चौहान बांगर, जाकिर नगर, बृजपुरी, कबीर नगर, मुस्तफाबाद और शास्त्री पार्क  से जीत हासिल की है। । अभी एक और वॉर्ड का नतीजा आना बाकी है, अगर वहां से कांग्रेस जीती तो उसके 8 पार्षद हो जाएंगे।

उल्लेखनीय जीत

दिल्ली का ओखला इलाका कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के बतौर मुस्लिम नेता उभरने के बाद यहां कमजोर नजर आने लगी थी। कांग्रेस के पूर्व विधायक मोहम्मद आसिफ कई विवादों में घिर गए। लेकिन ओखला के दो प्रमुख वॉर्डों जाकिर नगर और अबुल फजल एन्क्लेव में कांग्रेस ने शानदार वापसी की है। अबुल फजल एन्क्लेव से कांग्रेस की अरीबा खान ने जीत दर्ज की है। अरीबा कांग्रेस नेता मोहम्मद आसिफ की बेटी हैं। बेटी के चुनाव प्रचार के दौरान मोहम्मद आसिफ को एक पुलिस अधिकारी को कथित तौर पर धमकाने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया गया। उनको आज 7 दिसंबर को अपनी बेटी के जीतने की खबर जेल में मिल चुकी है। उन्होंने इसे ओखला के लोगों की जीत बताई है। 

 - Satya Hindi

एमसीडी अबुल फजल एन्क्लेव वॉर्ड से कांग्रेस की अरीबा खान जीती हैं। वो कांग्रेस के पूर्व विधायक मोहम्मद आसिफ खान की बेटी हैं।

इसी तरह जाकिर नगर वॉर्ड से भी नाजिया दानिश ने जीत हासिल की है। अमानतुल्लाह खान का घर इसी वॉर्ड में आता है। यहां यह बताना जरूरी है कि अबुल फजल एन्क्लेव वॉर्ड से बीजेपी ने चरण सिंह और जाकिर नगर से लता चौहान को खड़ा किया था। उसने कई और मुस्लिम बहुल इलाकों से हिन्दू प्रत्याशियों को खड़ा किया था। समझा जाता है कि यह प्रयोग उसने हिन्दू वोटरों की थाह लेने के लिए किया था। अन्यथा जिस तरह उसने चार मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था वो बाकी सीटों पर भी मुस्लिम प्रत्याशी उतार सकती थी।

सीलमपुर की बात ही अलग है

सीलमपुर से बतौर निर्दलीय जीतने वाली शकीला बेगम की जीत भी उल्लेखनीय जीत में शामिल की जाएगी। क्योंकि यहां से कांग्रेस ने मुमताज और आप ने नसीम बानो को खड़ा किया था। बीजेपी ने सीमा शर्मा को मैदान में उतारा था। इन तीनों पार्टी प्रत्याशियों के पास कार्यकर्ताओं और संसाधनों की कमी नहीं थी। तमाम वीआईपी यहां प्रचार के लिए पहुंचे थे लेकिन इन सभी विपरीत हालात के बावजूद शकीला बेगम सभी को हराते हुए अपनी सीट निकाल ले गईं। 

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