बीजेपी से निलंबित विधायक टी. राजा सिंह को जमानत मिलने के खिलाफ हैदराबाद में मंगलवार रात को जोरदार प्रदर्शन हुआ है। मुसलिम संगठनों ने विधायक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
जमानत मिलने के बाद टी. राजा सिंह के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया था।
टी. राजा सिंह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अभद्र बयानबाजी की है। वीडियो के सामने आने के बाद हैदराबाद में मुसलिम समुदाय और एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की थी।
हैदराबाद पुलिस ने मंगलवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था लेकिन कुछ घंटों बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी। इस बीच लगातार दबाव बढ़ने के बाद बीजेपी ने टी. राजा सिंह को निलंबित कर दिया था।
विधायक का पुतला फूंका
एआईएमआईएम ने टी. राजा सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। मुसलिम समुदाय के लोग मंगलवार रात को एक बार फिर सड़कों पर उतरे और टी. राजा सिंह का पुतला फूंका। इस दौरान पुलिस की पेट्रोलिंग कार में तोड़फोड़ की गई। हालात को देखते हुए पूरे हैदराबाद में पुलिस हाई अलर्ट पर है।
टी. राजा सिंह हैदराबाद में गोशामहल सीट से बीजेपी के विधायक हैं और पहले भी इस तरह की विवादित टिप्पणियां करते रहे हैं। इससे पहले बीजेपी के निलंबित नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के द्वारा पैगंबर पर की गई टिप्पणियों को लेकर देशभर में अच्छा-खासा विवाद हो चुका है।
मुसलिम संगठन बोले- कार्रवाई हो
ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बीजेपी से निलंबित विधायक के बयान को शर्मनाक बताया है और कहा है कि सरकार को उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि बीजेपी के द्वारा जानबूझकर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने टी. राजा सिंह को सजा देने की मांग की है।
संस्था के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा है कि विधायक ने शर्मनाक काम किया है।
कारण बताओ नोटिस भेजा
बीजेपी की केंद्रीय अनुशासन समिति की ओर से भेजे गए नोटिस में टी. राजा सिंह से कहा गया है कि कई मामलों में उनके विचार पार्टी की लाइन के खिलाफ रहे हैं और यह पार्टी के संविधान का खुला उल्लंघन है। समिति के सचिव ओम पाठक ने कहा है कि विधायक को पार्टी की जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है।
विधायक से कारण बताओ नोटिस का 10 दिन के भीतर जवाब देने के लिए भी कहा गया है और उनसे पूछा गया है कि आखिर उन्हें क्यों नहीं पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए। विधायक से कहा गया है कि वह 2 सितंबर तक अपना जवाब पार्टी तक पहुंचा दें।