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एकजुटता के लिए एमपी महिला कांग्रेस जुटी, आपस में ही उलझ गईं?

एकजुटता के लिए एमपी महिला कांग्रेस जुटी, आपस में ही उलझ गईं?

बैठक में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा पहुंची थीं। बैठक के आरंभ में ही बड़ा विवाद हो गया। जानिए, मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की एक महासचिव मधु शर्मा ने क्या आरोप लगाया।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश भर में कांग्रेस को नये सिरे से खड़ा करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की राज्य इकाइयां और उसके खेवनहार सुधरने का नाम लेते नज़र नहीं आ रहे हैं। आपसी टकराव, गुटबाजी और अहम, पार्टी का बेड़ा गर्क करने में कोई कोर एवं कसर नहीं बच रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की महिला विंग, एक ऐसे ही घटनाक्रम को लेकर सुर्खियों में है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की फजीहत किसी से छिपी नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस सभी 28 सीटें हार गई। भाजपा राज्य की सभी 29 सीटें (कांग्रेस ने एक सीट खजुराहो इंडिया गठबंधन के पार्टनर सपा को दी थी) जीतने में सफल रही। लोकसभा के पहले राज्य विधानसभा के चुनाव में कुल 230 में से 164 सीटें कांग्रेस हारी। महज 66 सीटें ही उसे मिल सकी थीं। इन 66 में भी 3 विधायक टूटकर भाजपा में जा चुके हैं। कुल 63 संख्या सदन में कांग्रेस की रह गई है।

राहुल गांधी केन्द्र की सरकार, भारतीय जनता पार्टी एवं उसके अनुषांगिक संगठनों को जिस तरह से घेर रहे हैं, कुछ उसी तरह की घेराबंदी और संगठन में जान फूंकने के लिए मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को भोपाल में बुलाई गई थी। बैठक में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा पहुंची थीं। बैठक के आरंभ में ही बड़ा विवाद हो गया। मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की एक महासचिव मधु शर्मा, अलका लांबा से उलझ गईं।

विवाद इतना बढ़ा कि अलका लांबा कहती नज़र आयीं, ‘इन्हें (मधु शर्मा को) जूते मारकर बाहर (बैठक कक्ष से) निकाल दीजिये। इन्हें पार्टी से भी बाहर कीजिये।’ कांग्रेस सूत्रों के अनुसार विवाद, महिला पदाधिकारियों की सूची में मधु शर्मा का नाम नहीं होने को लेकर हुआ। बताया गया है कि प्रदेश भर से कुल 58 महिला पदाधिकारी बैठक में बुलाई गई थीं। कुल आमंत्रित 58 पदाधिकारियों में से 19 बैठक में पहुंचीं। मधु शर्मा सिंगरोली से आती हैं। महासचिव का पद दो साल पहले उन्हें मिला था। वे सिंगरोली जिला पंचायत की दो बार अध्यक्ष भी रही हैं। अर्जुन सिंह के दौर से पार्टी में सक्रिय हैं।

बैठक वाली पदाधिकारी सूची में नाम नहीं होने पर उन्होंने ऐतराज जताया। प्रदेश इकाई अध्यक्ष विभा पटेल ने उन्हें शांत रहने को कहा। मधु शांत नहीं हुईं। उन्होंने विभा पटेल से मुखातिब होकर कहा, ‘आपने हमें दो साल पहले नियुक्ति पत्र दिया था। पार्टी का काम कर रहे हैं। फिर भी सूची में हमारा नाम क्यों नहीं है? हंगामा बढ़ता देख अलका लांबा ने कहा, ‘यहां बहुत फर्जी पद दे रखे हैं। आपका नाम नहीं है, बाहर जाइये?’ मधु शर्मा इस पर बिफर गईं। उन्होंने कहा, ‘फर्जी नियुक्ति है तो बुलाया ही क्यों? हम क्या जूता खाने यहां आये हैं?’ अलका यादव का जवाब आया, ‘आप जूता खाने लायक ही हैं, इन्हें जूते मारकर बाहर निकाल दीजिए।’

मधु शर्मा इसके बाद और बिफर गईं। उन्होंने सीधे अलका लांबा को चुनौती देते हुए कह दिया, ‘आप अपने पिता की बेटी हैं तो मार कर दिखाएं जूता। एक ब्राम्हण को और विंध्य की बेटी को आप दिखाइए जूता मारकर।’

बहसबाजी होती रही। मधु शर्मा ने यह भी कहा, ‘हम जो बोलते हैं तो सुनना पड़ेगा आपको, लेकिन आप गाली देंगी तो कोई नहीं सुनेगा। किसी में इतनी हिम्मत नहीं है कि हमें जूता मार सके। जाऊंगी तो अपनी मर्जी से, किसी में निकालने का दम नहीं है।’

फूट-फूटकर रोईं शर्मा

बैठक स्थल से बाहर जाने के बाद मधु शर्मा फूट-फूटकर रोईं। साथी पदाधिकारियों ने उन्हें संभाला। उन्होंने प्रेस वालों से कहा, ‘दो बार जिला पंचायत की अध्यक्ष रही हैं। सीनियर हैं। ये (अलका लांबा) तो दस बार पार्टियां बदलकर कांग्रेस में लौटीं हैं। अर्जुन सिंह के जमाने की हूं। इनका रवैया ठीक नहीं है। अव्यावहारिक हैं।’

बैठक के बाद पत्रकारों ने अलका लांबा से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की। बस इतना कहा, ‘बैठक शानदार रही।’

अब तक घोषित नहीं हुई है पटवारी की टीम

कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाले जीतू पटवारी को लंबा वक्त हो गया है। वे अब तक अपनी टीम नहीं बना पाये हैं। पार्टी में गुटबाजी और तालमेल के अभाव की ख़बरें बार-बार सामने आती हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उप नेता हेमंत कटारे को लेकर भी विधायकों की नाम न छापने की शर्त पर शिकायत यही रही है कि साथियों को विश्वास में लेकर ये लोग नहीं चल रहे हैं।

दिग्गज नेताओं की अपनी डफली अपना राग

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह के अलावा बड़े नेताओं में शुमार माने जाने वाले अजय सिंह राहुल, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव और विवेक तन्खा जैसे नेता कांग्रेस अपने-अपने घरों से चलाते नजर आ रहे हैं। पीसीसी में होने वाले ज्यादातर ऐसे कार्यक्रमों में जहां इनकी उपस्थिति ज़रूरी मानी जाती है या इन्हें मौजूद रहना चाहिए, उनमें कम ही ये नजर आ रहे हैं।

कोई नोटिस नहीं दिया: विभा पटेल

मध्य प्रदेश कांग्रेस की महिला विंग की अध्यक्ष विभा पटेल से ‘सत्य हिन्दी’ ने संपर्क किया। पूरे विवाद को लेकर कार्रवाई के बारे में पूछा, ‘उन्होंने कहा, कुछ खास नहीं था। मीडिया ने अनावश्यक मामले को तूल दी। सूची में स्पेलिंग मिस्टैक के चलते गफलत हुई थी। तत्काल उसे दूर कर लिया गया था।’ अलका लांबा द्वारा मधु शर्मा पर एक्शन से जुड़े सवाल के जवाब में पटेल ने कहा, ‘नोटिस जैसी कोई बात ही नहीं थी, फिर नोटिस क्यों देंगे?’

बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सालूजा ने चुटकी लेते हुए बुधवार को एक्स किया, ‘मोहब्बत की दुकान में महिलाओं का ऐसा ही सम्मान कांग्रेस करती है।’

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