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अजीबोगरीब! पति ने नहीं, पत्नी ने ही फ़ोन पर दे दिया तीन तलाक़

अजीबोगरीब! पति ने नहीं, पत्नी ने ही फ़ोन पर दे दिया तीन तलाक़

पतियों द्वारा फोन पर तीन तलाक़ देने के मामले तो आपने सुने होंगे, लेकिन क्या किसी पत्नी द्वारा ऐसा किये जाने का मामला आपने सुना है? जानिए, मध्य प्रदेश में कैसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है। 

देश में तीन तलाक़ क़ानून लागू होने के पहले तक मुस्लिम समाज में पति द्वारा पत्नी को ‘तलाक, तलाक-तलाक’ कहने के क़िस्से आम रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में महिला द्वारा अपने पति को फोन पर तलाक देने का मामला सामने आया है। मामला थोड़ा सा पुराना है, लेकिन महिला के पति और पिता द्वारा विगत दिवस पुलिस का दरवाजा खटखटाये जाने से फाइल रि-ओपन हो गई है। महिला ने साफ़ कर दिया है कि वह नये पति के साथ बहुत खुश है।

मध्य प्रदेश के रीवा से दो बच्चों की मां द्वारा पति को तलाक़ देने और तलाक के बाद दूसरा निकाह कर लेने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद मुस्लिमों के धर्मगुरुओं में ठन गई है। इलाहाबाद के मुस्लिम धर्मगुरु ने मध्य प्रदेश के मामले को पूरी तरह से गलत बताते हुए फतवा जारी कर दिया है।

महिला का पहला पति अजीज खां और पिता शेख इस्लामुद्दीन पिछले चार महीने से पुलिस और मुस्लिम धर्म गुरुओं के चक्कर काट रहे हैं। 29 जुलाई को वे शहर काजी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी से मिले। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि शहर काजी मुफ्ती मुबारक हुसैन ने बरगलाकर, जन्नत के सपने दिखाकर एवं पैसे लेकर बगैर किसी की इजाजत के ही तीन तलाक कराकर उसका दूसरा निकाह करवाया है।

उधर शहर काजी का कहना है, ‘लिखित तलाक जरूरी नहीं, मौखिक तलाक मान्य होता है’। काजी का ये भी कहना है कि अगर उनके पास कोई आएगा तो उन्हें शरीयत के हिसाब से ही वे सलाह देंगे। एसपी से मुलाकात करने से पहले महिला का पहला पति और पिता ने जामिया दारूस्सलाम इलाहाबाद के मुफ्ती शफीक अहम शरीफी से पूछा था कि क्या शादीशुदा और दो बच्चों की मां बिना पति और पिता से मशविरा किए मौखिक तलाक दे सकती है? उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं किया जा सकता। शरीयत इसकी अनुमति नहीं देता।’

बाद में इलाहाबाद के मुफ्ती ने एक फतवा जारी कर कहा, ‘जिस काजी ने महिला की दूसरी शादी करवाई है वो गलत है। शरीयत (इस्लामिक कायदे-कानून) में इसकी कोई जगह नहीं है।’

फतवे में लिखा गया है, ‘शादीशुदा औरत जिसके दो बच्चे हैं, उसका दूसरे शख्स के साथ निकाह कराना इस्लाम में हराम है। उन्होंने शहर काजी से पूछा है कि आखिरकार किस आधार पर महिला का दूसरा निकाह करवाया गया है?’

2011 में हुई थी शादी

महिला के पति अजीज के अनुसार उसकी शादी 2011 में हुई थी। दोनों के दो बच्चे भी हैं। शादी के बाद कई सालों तक सब कुछ अच्छा चलता रहा था। बीच में पत्नी, काजी के बहकावे में आ गई। अचानक वो लापता हो गई। फिर एक दिन उसका फोन आया। उसने मुझसे फोन पर तीन बार तलाक कह दिया। इतना सुनकर घबरा गया। जब छानबीन की तो सामने आया कि शहर काजी ने उसकी पत्नी की शादी किसी दूसरे शख्स के साथ करवा दी है।

महिला के पिता शेख इस्लामुद्दीन का कहना है, ‘उन्होंने अपनी बेटी की शादी 14 साल पहले खौर में की थी। बेटी और दामाद दोनों साथ में बहुत अच्छे से रह रहे थे। दोनों के दो बच्चे भी हैं। 6 महीने पहले वो शहर काजी के संपर्क में आई। इस्लाम और इबादत के बारे में जानने के लिए काजी से मुलाकात करने लगी। काजी ने उससे कहा कि शरीयत के हिसाब से तीन तलाक जायज है। अगर तुम अपने पति को छोड़कर मेरे कहे मुताबिक शादी कर लोगी तो तुम्हें जन्नत नसीब होगी। इस तरह काजी ने उसकी दूसरी शादी करवा दी।’

मौखिक तलाक मान्य नहीं: एसपीरीवा एसपी विवेक सिंह ने मीडिया से कहा है, ‘मौखिक तलाक मान्य नहीं है। नए अधिनियम के मुताबिक तलाक लिखित प्रक्रिया के तहत होना चाहिए। शहर काजी के पूरे स्टेटमेंट को देखना पड़ेगा।’

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