मध्य प्रदेश के मोहन यादव सरकार की ‘राखी’ राज्य के खस्ताहाल खजाने पर बड़ा बोझ लेकर आयी है। बहनों को खुश करने के लिए सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से अकेले ‘राखी तोहफे’ 500 करोड़ के क़रीब का नया बोझ बढ़ायेंगे।
मोहन यादव सरकार ने राखी के मौके पर ‘बहनों’ को खुश करने के लिए कई घोषणाएँ की हैं। तमाम घोषणाओं के तहत प्रत्येक लाड़ली बहन को राखी मनाने के लिए 250 रुपये की नकद राशि देने और गैस सिलेंडर 450 रुपये में देने की घोषणा प्रमुख है। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ‘लाड़ली बहना’ योजना लायी थी। योजना के तहत 1 हजार रुपये प्रतिमाह देना आरंभ किया गया था। बाद में इस राशि को बढ़ाकर 1250 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया था।
राज्य में 1.29 करोड़ लाड़ली बहनें हैं, जिन्हें मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी भाजपा की सरकार यह राशि दे रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में 250 रुपये राखी मनाने के लिए देने का फैसला लिया। कल 1 अगस्त को मुख्यमंत्री एक क्लिक के माध्यम से योजना का लाभ पा रही लाड़ली बहनों के खाते में ‘नकद राखी गिफ्ट’ राशि स्थानांतरित करेंगे। सरकार ने साफ किया है, 250 रुपये नियमित मिलने वाले 1250 के अतिरिक्त होगा।
राखी गिफ्ट के 250 रुपये प्रति बहन के मान से कुल 1.29 करोड़ बहनों पर 323 करोड़ रुपये का भार राज्य के खजाने पर आयेगा। इसके अलावा 160 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान गैस सिलेंडर सब्सिडी राशि की भरपाई के लिए किया गया है। मोहन यादव सरकार ने 97 हजार आंगनबाड़ी वर्करों को 2 लाख रुपयों का बीमा कवरेज देने के लिए इसकी प्रीमियम सरकारी खजाने से करने और उज्जवला एवं गैर उज्जवला योजना के लिए क्रमशः 1370 एवं 1372 रुपये का लाभ देने की घोषणा भी की गई है।
19 हजार करोड़ का भार
मध्य प्रदेश की सरकार बीते साल भर से लाड़ली बहनों को योजना का लाभ दे रही है। बीते साल भर में (पहले 1 हजार और फिर 1250 प्रतिमाह के मान से) राज्य के खजाने पर 19 हजार करोड़ रुपये के क़रीब का भार आया है।
मोहन यादव सरकार ने 450 रुपयों में सिलेंडर सतत देते रहने की बात कही है। यानी दो महीने में एक सिलेंडर लाभार्थी को सरकार देती है तो साल भर में 960 करोड़ का बोझ खजाने पर आने वाला है।
88 हजार 450 करोड़ का नया कर्ज
मध्य प्रदेश की सरकार पर फिलहाल 4 लाख करोड़ के करीब का कर्ज है। हर रोज के खर्चों के साथ-साथ ‘रेवड़ियां’ बांटने के लिए सरकार जिस तीव्र गति से कर्ज ले रही है, वह 31 मार्च 2025 को 4.38 लाख करोड़ हो जायेगी। यह कर्ज सरकार के मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट से ज्यादा होने वाला है।
मप्र की सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष में 55 हजार 708 करोड़ रुपयों का कर्ज लिया था। इस साल सरकार 88 हजार 450 करोड़ रुपयों का कर्ज ले रही है। बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में यह 38 प्रतिशत ज्यादा है।
125 योजनाओं पर चलाई कैंची
मोहन यादव सरकार बहनों को खुश करने के लिए बजट मदों में हेरफेर और कटौतियां कर रही है। सामने आया है कि बजट में हेरफेर एवं आदेश के चलते 47 विभागों की 125 योजनाओं पर ब्रेक लगा है। जिन योजनाओं पर ब्रेक लगा है उसमें शिवराज सरकार की फ्लैगशिप योजना लाड़ली लक्ष्मी भी शामिल है। राज्य की सरकार ने स्वास्थ्य और कृषि महकमों की कई मदों की राशियों को बिना वित्त विभाग की पूर्वानुमति के आहरित नहीं करने का आदेश निकाला है।
मंदिर और गायों के लिए बजट में कटौती
प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश में निर्माणाधीन आधा दर्जन मंदिरों एवं स्मारकों तथा गायों के चारे के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विभाग के बजट को काटा है। जिन मंदिरों के लिए एससी-एसटी डिपार्टमेंट की बजट राशि में कटौती की गई है, उनमें सागर का वह रविदास मंदिर परिसर भी शामिल है, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश विधानसभा 2023 चुनाव के ठीक पहले रखी थी।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं वाली राशि को एससी-एसटी बजट से काटने के तथ्य सामने आये हैं। एससी-एसटी वर्ग के लिए संघर्ष करने वाले मप्र के एनजीओ कुपित हैं। उन्होंने इसका विरोध किया है। यद्यपि सरकार की ओर से इस बारे में अभी तक अधिकारिक तौर पर कोई भी सफाई सामने नहीं आयी है। राज्य अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने विगत दिवस एक अखबार से कहा है, ‘उन्हें बजट में कटौती की जानकारी नहीं है। ऐसी जानकारी सामने आयी तो वे मीडिया से शेयर करेंगे।’
जिन महिलाओं के नाम सिलेंडर उन्हीं को लाभ
सरकार ने कहा है लाड़ली बहना योजना में शामिल जिन महिलाओं के नाम पर पहले से रसोई गैस कनेक्शन हैं, उन्हें ही 388 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। गैस सिलेंडर के लिए 450 देने होंगे। इसके अलावा जिन महिलाओं के पति के नाम पर रसोई गैस के कनेक्शन हैं, और अब अगर पति लाड़ली बहना योजना में शामिल अपनी पत्नी के नाम पर गैस कनेक्शन लेंगे तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
राज्य का भट्ठा बैठना तय?
वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित का कहना है, ‘रेवड़ियां बांटने के लिए जिस तरीके से सरकार कर्ज ले रही है, उसे मध्य प्रदेश का भट्ठा बैठना तय है। कर्ज लेने के चलते कई राज्य ऐसे हो गए हैं, जहां तनख्वाह बांटना मुश्किल हो गया है। मप्र में भी ऐसे ही दिन आने वाले हैं।’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा शासित राज्य अपने आका नरेन्द्र मोदी और मोदी सरकार की राह पर चल रहे हैं। केन्द्र सरकार ने बीते 10 सालों में बेतहाशा कर्ज लिया है। देश पर आज 172 लाख करोड़ का कर्ज है। यह गति थम नहीं रही है। केन्द्र की तरह भाजपा की सरकारें भी जमकर कर्ज ले रही हैं और घी पी रही हैं।’