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सब्यसाची के मंगलसूत्र विज्ञापन पर मध्य प्रदेश सरकार ने दी FIR की धमकी

सब्यसाची के मंगलसूत्र विज्ञापन पर मध्य प्रदेश सरकार ने दी FIR की धमकी

मध्य प्रदेश में सब्यसाची मुखर्जी के मंगलसूत्र के विज्ञापन पर आख़िर क्या आपत्ति है? जानिए क्यों राज्य सरकार ने एफ़आईआर की धमकी दी है। 

देश के जाने-माने डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी को मंगलसूत्र के एक विवादास्पद विज्ञापन पर मध्य प्रदेश सरकार ने निशाने पर लिया है। इसने चेतावनी दी है कि कंपनी अगले 24 घंटों में विवादास्पद विज्ञापन हटाकर माफी मांगे नहीं तो उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली जाएगी।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को मीडिया से कहा, ‘डिज़ाइनर मुखर्जी का मंगलसूत्र वाला विज्ञापन मैंने देखा है। विज्ञापन बेहद आपत्तिजनक है। मंगलसूत्र का सर्वाधिक धार्मिक महत्व है। हम मानते हैं कि मंगलसूत्र के पीले हिस्से में मां पार्वती और काले हिस्से में भगवान शिव हैं। शिव जी कृपा से महिला और उसके पति की रक्षा होती है। मां पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है।’

गृह मंत्री मिश्रा ने आगे कहा, ‘आभूषणों में सबसे ज़्यादा धार्मिक महत्व वाले मंगलसूत्र को लेकर हिन्दू धर्म को आहत करने वाला विज्ञापन बनाया गया है। तमाम चेतावनी के बावजूद हिन्दू धर्म और उसके प्रतीकों के साथ लगातार छेड़छाड़ हो रही है। ऐसे कृत्यों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

गृहमंत्री ने कहा, ‘अगले 24 घंटों में विज्ञापन को नहीं हटाया गया और माफ़ी नहीं मांगी गई तो डिज़ाइनर मुखर्जी के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश पुलिस एफ़आईआर दर्ज कर लेगी।’ गृहमंत्री ने यह भी कहा, ‘अगर आप में हिम्मत है तो किसी दूसरे धर्म से जुड़ी मान्यताओं एवं धार्मिक महत्व पर इस प्रकार का विज्ञापन बनाकर दिखाएँ।’

क्यों है विज्ञापन पर विवाद?

डिज़ाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने इसी सप्ताह ज्वेलरी कलेक्शन का एक सेट लांच किया है। इस कलेक्शन को उन्होंने ‘द रॉयल बंगाल टाइगर आइकॉन’ नाम दिया है। पूरा विवाद, कंपनी द्वारा पेश मंगलसूत्र की ‘द रॉयल बंगाल मंगलसूत्र 1.2’ थीम पर है।

दरअसल, विज्ञापन में एक महिला और पुरुष को दिखाया गया है। महिला ने विज्ञापन में काले रंग की इंटिमेट ड्रेस के साथ मंगलसूत्र भी पहना हुआ है। विज्ञापन सोशल मीडिया पर भी चल रहा है। 

विज्ञापन पर तीखी आपत्ति जताई जा रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं, ‘यह मंगलसूत्र का ऐड कहां से दिख रहा है?’ विज्ञापन में भूमिका का निर्वहन करने वाली महिला का नाम वर्षिता तटावर्ती और पुरुष का नाम प्रतेयिक जैन है।

इस विवादित विज्ञापन के सामने आने के बाद से देश के कई हिस्सों में हिन्दू संगठन विरोध के लिए सामने आये हैं। महाराष्ट्र बीजेपी ने सबसे पहले सब्यसाची की कंपनी के नाम नोटिस जारी किया है।

उधर हिन्दू संगठन आरोप लगा रहे हैं कि जब कोई हिन्दू त्योहार आता है, उसी दौरान सभी की क्रिएटिविटी सामने आती है। सुनियोजित ढंग से यह सब होता है।

संगठनों का यह भी कहना है, ‘मंगलसूत्र वाला विज्ञापन हिन्दू रीति-रिवाज़ों पर हमला है। शादी जैसे पवित्र रिश्ते को ख़राब और धूमिल करने की साज़िश है।’

दो अन्य विज्ञापनों पर भी विवाद

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने करवा चौथ पर डाबर कंपनी द्वारा जारी एक विज्ञापन पर सख्त ऐतराज जताते हुए राज्य के डीजीपी को जांच के आदेश दिए थे। मिश्रा ने कहा था, ‘24 घंटे में कंपनी विज्ञापन हटाये और माफी मांगे, अन्यथा मध्य प्रदेश पुलिस डाबर कंपनी के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर एक्शन लेगी।’

डाबर के विज्ञापन में एक जोड़े के तौर पर दो महिलाओं को करवा चौथ मनाते दिखाया गया था। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की आपत्ति के बाद डाबर कंपनी ने विज्ञापन वापस ले लिया था तो विवाद थम गया।

प्रकाश झा की वेबसीरीज शूटिंग में बवाल

दूसरा विवाद फ़िल्ममेकर प्रकाश झा की भोपाल में फ़िल्माई जा रही वेबसीरीज ‘आश्रम - 3’ की शूटिंग के दौरान सामने आया था। वेबसीरीज के नाम को लेकर बजरंग दल ने तीखी आपत्ति जताते हुए हिंसक प्रदर्शन किया था। सेट पर तोड़फोड़ और इसके क्रू के लोगों के साथ मारपीट की गई थी। प्रकाश झा पर स्याही भी फेंकी गई थी।

गृहमंत्री प्रदर्शनकारियों की पैरवी करते नज़र आये थे। उन्होंने कहा था, ‘हिन्दू धर्म पर इस तरह की सीरीज आपत्तिजनक है। आगे से मध्य प्रदेश में शूटिंग की अनुमति शर्तों के साथ देने और स्क्रिप्ट दिखाने का प्रावधान नियमों में करने की बात भी मिश्रा ने कही थी।’ 

पूरे मामले में प्रकाश झा और उनके क्रू मेंबर्स ने पुलिस में रिपोर्ट लिखाने से इनकार कर दिया था। मीडिया से बातचीत के लिए भी झा सामने नहीं आए थे। पुलिस ने बजरंग दल के पांच प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ अपने स्तर पर मामला दर्ज कर गिरफ्तारियाँ की थीं। मामले की जाँच अभी चल रही है। 

बजरंग दल के प्रदेश संयोजक सुशील शिडोले का कहना था, ‘बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वेबसीरीज से जुड़ी अपनी आपत्तियों पर विधिवत बातचीत के लिए प्रकाश झा से समय देने की मांग की थी। समय नहीं दिया गया। शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के लिए पहुंचने पर झा की कंपनी के बाउसंरों ने जब उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया था तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अपना प्रतिकार दर्ज करा दिया था।’

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